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लाल किले के प्राचीर से पीएम मोदी ने महंगाई कम करने का किया ऐलान, जानें बड़ी बातें

भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया महंगाई के संकट से जूझ रही है और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को महंगाई ने दबोच कर रखा है. उन्होंने कहा कि हम भी दुनिया से जिन सामानों की जरूरत होती है, उसे लाते हैं.

By KumarVishwat Sen | August 15, 2023 9:10 AM
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पीएम मोदी) ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से महंगाई कम करने का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ‘भरसक प्रयास’ किए हैं और जनता के इस बोझ को कम से कम करने के लिए आने वाले दिनों में भी प्रयास जारी रहेगा.

पूरी दुनिया को महंगाई ने जकड़ा

भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया महंगाई के संकट से जूझ रही है और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को महंगाई ने दबोच कर रखा है. उन्होंने कहा कि हम भी दुनिया से जिन सामानों की जरूरत होती है, उसे लाते हैं. हम सामान तो आयात करते ही हैं, साथ ही महंगाई भी आयात करते हैं. पूरी दुनिया को महंगाई ने जकड़ कर रखा है.

भारत ने महंगाई नियंत्रित करने के किए प्रयास

पीएम मोदी कहा कि भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए हैं. पिछले कालखंड की तुलना में हमें कुछ सफलता भी मिली है, लेकिन इतने से संतोष नहीं. दुनिया से हमारी चीजें अच्छी हैं, बस यही सोचकर हम नहीं रह सकते. मुझे तो मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो. इस दिशा में और भी कदम उठाने हैं. हम उन कदमों को उठाते रहेंगे, मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा.

मिडिल क्लास को कम ब्याज पर मिलेगा लोन

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर मिडिल क्लास के लोगों के लिए कम ब्याज पर आवास खरीदने की सुविधा प्रदान करने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए एक योजना लेकर आ रहे हैं. जो शहरों में रहते हैं, लेकिन किराए के मकान में रहते हैं. झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं, अनधिकृत कॉलोनियों में रहते हैं. ऐसे परिवारजन अगर अपना मकान बनाना चाहते हैं, तो बैंक से जो कर्ज मिलेगा, उसके ब्याज में राहत देकर हमने लाखों रुपये की मदद करने का निर्णय किया है.

भारत में जेबफाड़ महंगाई

भारत में सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती महंगाई आम आदमी की जेबों को फाड़कर आर्थिक हुलिया खराब कर रही है. आलम यह कि बीते जुलाई महीने में सब्जी के दामों से लोगों का दम निकल रहा है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सब्जियों और खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ने से से खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में उछलकर 15 महीने के रिकॉर्ड स्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जून में 4.87 फीसदी थी, जबकि पिछले साल जुलाई में यह 6.71 फीसदी थी. इससे पहले, अप्रैल 2022 में मुद्रास्फीति 7.79 फीसदी के उच्च स्तर पर रही थी.

सब्जियां 37.43 फीसदी महंगी

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ने से खुदरा महंगाई जुलाई महीने में 11.51 फीसदी रही, जो जून में 4.55 फीसदी तथा पिछले साल जुलाई में 6.69 फीसदी थी. सालाना आधार पर सब्जियों की महंगाई दर 37.43 फीसदी रही, जबकि अनाज और उसके उत्पादों के दाम में 13 फीसदी की वृद्धि हुई.

थोक मुद्रास्फीति लगातार चौथे माह नकारात्मक दायरे में

उधर, खाद्य वस्तुओं विशेषरूप से सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंचने के बावजूद थोक मुद्रास्फीति जुलाई में लगातार चौथे माह नकारात्मक दायरे में बनी रही. जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 1.36 फीसदी नीचे रही है. सब्जियों की कीमतों में 62.12 फीसदी की वृद्धि के कारण थोक मुद्रास्फीति जून में शून्य से 4.12 फीसदी नीचे रही थी. पिछले साल जुलाई में यह 14.07 फीसदी थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 14.25 फीसदी रही, जो जून में 1.32 फीसदी थी.

खनिज तेल और केमिकल प्रोडक्ट्स के दामों में गिरावट

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि जुलाई, 2023 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से खनिज तेल, बुनियादी धातुओं, रसायन और रसायन उत्पादों, कपड़ा और खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी के कारण आई है. केयरएज की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि यदि खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ती रहीं, तो आने वाले महीनों में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति सकारात्मक दायरे में आ सकती है. ईंधन और बिजली खंड की मुद्रास्फीति जुलाई में शून्य से 12.79 प्रतिशत नीचे रही, जो जून में शून्य से 12.63 फीसदी नीचे थी. विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मई में -2.51 फीसदी नीचे रही. जून में यह शून्य 2.71 फीसदी नीचे थी.

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सब्जियों की कीमत से बाजार प्रभावित

बार्कलेज के ईएम एशिया (चीन को छोड़कर) आर्थिक अनुसंधान के प्रमुख राहुल बजोरिया ने कहा कि मासिक आधार पर थोक मूल्य सूचकांक में गिरावट की धीमी गति करीब पूरी तरह से सब्जियों की कीमतों के कारण है, जो वास्तव में बढ़ी हैं. मूल रूप से सब्जियों की बढ़ती कीमतों की वजह से बाजार प्रभावित हो रहा है. सब्जियों के अलावा, अनाज तथा दालों में वृद्धि देखी गई, जहां मुद्रास्फीति क्रमशः 8.31 फीसदी और 9.59 फीसदी रही.

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