अब बिना कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के पा सकेंगे डीबीटी व वाउचर पेमेंट, PM मोदी ने लॉन्च किया e-RUPI, जानिए कैसे?
ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है. यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है.
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिना कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के डीबीटी और वाउचर पाने के ई-रुपी यानी e-RUPI डिजिटल प्लेटफॉर्म को लॉन्च कर दिया है. बरसों से यह सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं कि सरकार और लाभार्थी के बीच लिमिटेड टच पॉइंट्स के साथ लक्षित और लीक-प्रूफ तरीके से लाभ इच्छित लाभार्थियों तक पहुंच सके.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ई रुपी वाउचर देश में डिजिटल लेनदेन और डीबीटी को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा. यह लक्षित, पारदर्शी और रिसाव मुक्त वितरण में सभी की मदद करेगा. उन्होंने कहा कि ई-रुपी इस बात का उदाहरण है कि कैसे भारत 21वीं सदी में उन्नत तकनीक की मदद से आगे बढ़ रहा है और लोगों को जोड़ रहा है. मुझे खुशी है कि इसकी शुरुआत उस साल हुई, जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है.
Prime Minister Narendra Modi launches e-RUPI, an electronic voucher promoting digital payment solution, via video conferencing pic.twitter.com/n7a1wSiuTu
— ANI (@ANI) August 2, 2021
क्या है ई-रूपी?
ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है. यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है. इस निर्बाध वन टाइम पेमेंट मैकेनिज्म के यूजर्स, सेवा प्रदाता पर कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस किए बिना वाउचर को भुनाने में सक्षम होंगे. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है.
कैसे करेगा काम?
ई-रुपी, सेवाओं के स्पॉन्सर्स को बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं से जोड़ता है. इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित करता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान हो. ई-रुपी की प्रकृति प्री-पेड है. लिहाजा, यह किसी भी मध्यस्थ की भागीदारी के बिना सेवा प्रदाता को समय पर भुगतान का आश्वासन देता है.
कहां-कहां होगा इस्तेमाल?
सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी पहल होने की उम्मीद है. इसका उपयोग मातृ एवं बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवा व न्यूट्रीशनल सपोर्ट उपलब्ध कराने वाली स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ड्रग्स व डायग्नॉस्टिक्स, उर्वरक सब्सिडी आदि जैसी योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है. यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में इन डिजिटल वाउचर का लाभ उठा सकते हैं.
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Posted by : Vishwat Sen
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