प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकों और एनबीएफसी के स्टेकहोल्डर्स के साथ बुधवार को करेंगे बैठक, कई मुद्दों पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार की शाम देश के बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक करेंगे. बैंक में प्रधानमंत्री मोदी स्टेकहोल्डर्स के साथ भविष्य के रोडमैप को लेकर विचार-विमर्श करेंगे. पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री की इस बैठक के दौरान क्रेडिट उत्पादों और उनकी डिलीवरी के कुशल मॉडलों, तकनीकी माध्यम से वित्तीय सशक्तिकरण और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता के लिए विवेकपूर्ण गतिविधियों जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी.
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार की शाम देश के बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक करेंगे. बैंक में प्रधानमंत्री मोदी स्टेकहोल्डर्स के साथ भविष्य के रोडमैप को लेकर विचार-विमर्श करेंगे. पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री की इस बैठक के दौरान क्रेडिट उत्पादों और उनकी डिलीवरी के कुशल मॉडलों, तकनीकी माध्यम से वित्तीय सशक्तिकरण और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता के लिए विवेकपूर्ण गतिविधियों जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी.
Prime Minister Narendra Modi will join stakeholders from Banks and Non-Banking Financial Companies (NBFCs) to discuss and deliberate on vision and roadmap for the future, tomorrow evening: Prime Minister's Office (file pic) pic.twitter.com/ro3smlFt0z
— ANI (@ANI) July 28, 2020
बता दें कि कोरोना काल में सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के पहले से ही एनबीएफसी के द्वारा बैंकों से वित्तीय मदद की मांग की जा रही है.
बीते मई महीने की शुरुआत में ही आरबीआई से मार्च 2021 तक के सभी ऋणों का एक बार पुनर्गठन करने और ऋण अधिस्थगन की अवधि को बढ़ाने की मांग की थी. एनबीएफसी की ओर से यह मांग देनदारों के सामने कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के कारण फडिंग की हो रही समस्या के कारण की जा रही थी.
इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने पिछले दिनों ही आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एनबीएफसी और एचएफसी (हाउसिंग फाइनेंस कंपनी) के लिए घोषित की गयी 30 हजार करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडी स्कीम के तहत पांच प्रस्तावों के लिए 3090 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी थी.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से बीते 25 मार्च से लेकर 1 जून तक आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप रहीं, जिसमें एमएसएमई कंपनियों के साथ अर्थव्यवस्था के साथ सीधे-सीधे जुड़े कई संस्थानों और निकायों को भी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है. सरकार की ओर से आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ रिजर्व बैंक ने भी कर्जदारों को राहत देने की खातिर कई तरह के कदम उठाए हैं.
Posted By : Vishwat Sen
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