‘सहज ऋण प्रवाह एवं आर्थिक वृद्धि के लिए सिनर्जी का निर्माण’ पर आयोजित परिचर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत छलांग लगाने को तैयार है और इसके आधार मजबूत हैं. उन्होंने कहा कि पिछले छह-सात वर्षों में हुए सुधारों ने आज बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत स्थिति में ला दिया है. बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है.
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमने बैंकों की एनपीए समस्या का समाधान किया है, बैंकों में नई पूंजी डाली है, दिवालिया संहिता लेकर आए और ऋण वसूली न्यायाधिकरण को मजबूत किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने दबावग्रस्त ऋणों की वसूली के लिए उठाए गए कदमों पर कहा कि बैंकों ने पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक के फंसे हुए ऋण वसूले गये हैं.
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पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये की दबावग्रस्त परिसंपत्तियों का समाधान होने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार में बैंकिंग क्षेत्र के सुधार पर कहा कि बैंकों के पास पर्याप्त तरलता, एनपीए का कोई बाहरी बोझ नहीं है. बैंकों को धन-संपत्ति खड़ा करने एवं नौकरियां देने वालों का समर्थन करना होगा, देश की बैलेंस शीट बढ़ाने के लिए सक्रियता से काम करना होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ समय में देश में जो बड़े-बड़े परिवर्तन हुए हैं, जो योजनाएं लागू हुई हैं, उनसे जो देश में डेटा का बड़ा पूल क्रिएट हुआ है, उनका लाभ बैंकिंग सेक्टर को जरूर उठाना चाहिए. आप स्वीकृति देने वाले हैं और सामने वाला आवेदक, आप दाता हैं और सामने वाला याचक, इस भावना को छोड़कर अब बैंकों को पार्टनरशिप का मॉडल अपनाना होगा.
Posted By : Amitabh Kumar
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