13.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महिलाओं के लिए बिजनेस शुरू करना हुआ आसान, पीएम की इस योजना से झट से मिलेगा लोन, जानें वित्त मंत्री ने क्या कहा

PM Mudra Yojana: भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक योजना है जो छोटे व्यापारी, शिक्षु, और उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है. इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को उनके व्यापार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है.

PM Mudra Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के द्वारा छोटे व्यापारी, शिक्षु, और उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वाकंक्षी पीएम मुद्रा योजना की शुरूआत आठ अप्रैल 2015 को की गयी थी. इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत महिला उद्यमियों को पहली प्राथमिकता दी जाती है. सीतारमण ने यहां ‘पीएम स्वनिधि से समृद्धि’ कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को मंजूरी पत्र वितरित करते हुए कहा कि नगर पालिकाओं के अधिकारियों को शामिल नहीं किए गए फुटपाथ पर बिक्री करने वालों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें इस योजना का लाभ उठाने में मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे विक्रेताओं की मदद करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ऋण प्राप्त करने के लिए बैंकों के माध्यम से पीएम स्वनिधि योजना शुरू की.

वित्त मंत्रालय कर रहा प्रगति की समीक्षा

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी की टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए सीतारमण ने कहा कि यदि कोई बैंक किसी लाभार्थी को 10,000 रुपये तक का ऋण देता है और यदि वह इसे समय पर वापस भुगतान करता है, तो ऋण राशि बढ़कर 20,000 रुपये हो जाती है और यदि वह वापस भुगतान करता है तो ऋण राशि 20,000 रुपये तक बढ़ जाती है. समय पर इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया जाता है. यह देखते हुए कि वित्त मंत्रालय योजना की प्रगति की समीक्षा कर रहा है, सीतारमण ने कहा कि इसे रामेश्वरम में शुरू करने का कारण यह था कि तमिलनाडु में विरुधुनगर के साथ-साथ रामनाथपुरम जिले को ‘आकांक्षी जिलों’ के रूप में चिह्नित किया गया है ताकि वे विकासात्मक स्थिति प्राप्त कर सकें.

Also Read: Share Market में इस सप्ताह कमाई का बेहतरीन मौका, आने वाली है इन 5 धांसू कंपनियों की IPO, अभी देखें लिस्ट

बिचौलियों से बचाने के लिए खाते में दिया जा रहै पैसा

स्वनिधि से समृद्धि कार्यक्रम पीएम-स्वनिधि योजना का एक अतिरिक्त घटक है. इसमें योजना के पात्र लाभार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों को उनके समग्र विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए केंद्र सरकार की आठ योजनाओं तक पहुंच मुहैया कराई जाती है. वित्त मंत्री ने जन धन-आधार-मोबाइल (जेएएम) तिकड़ी की शुरुआत को याद करते हुए कहा कि एक लाभार्थी आधार कार्ड हासिल करने के बाद एक बैंक खाता खोल सकता है और उसके खाते में केंद्र से सीधे वित्तीय सहायता भेजी जा सकती है जिससे लाभार्थी ‘बिचौलियों’ से बच सके. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उस चर्चित टिप्पणी का भी उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि केंद्र से किसी लाभार्थी को 100 रुपये भेजने पर भी उसे केवल 15 रुपये मिलते हैं और बाकी 85 रुपये ‘बिचौलियों और अन्य लोगों’ की जेब में जाते हैं.

मुद्रा से महिलाओं को मिल रहा ऋण

सीतारमण ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के संदर्भ में कहा कि इसे खासकर महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदान करने के लिए पेश किया गया था. उन्होंने कहा कि योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जो महिलाएं छोटे व्यवसाय चला रही हैं या व्यवसाय शुरू करने में रुचि रखती हैं, वे बैंक से संपर्क कर सकती हैं और पीएम मुद्रा योजना योजना से ऋण लेकर अपना काम शुरू कर सकती हैं. इस योजना के माध्यम से लाभ पाने वाले 100 लोगों में से 60 महिलाएं होंगी. पीएम मुद्रा योजना के तहत महिलाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. इससे पहले दिन में वित्त मंत्री ने 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की. बाद में उन्होंने विरुधुनगर जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इसी तरह के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु/ सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करने के लिए आठ अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की गई थी.

क्या है पीएम मुद्रा योजना

पीएम मुद्रा योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक योजना है जो छोटे व्यापारी, शिक्षु, और उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है. इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को उनके व्यापार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है. इसमें तीन प्रमुख प्रकार के ऋण प्रदान किए जाते हैं. इसमें शिशु (Shishu) ऋण के तहत, छोटे पैम्प्लेट व्यापारों के लिए लागू होने वाले ऋण को शामिल किया जाता है, जिसमें ऋण की अधिकतम राशि 50,000 रुपये तक हो सकती है. किशोर (Kishor)ऋण में मध्यम साइज के व्यापारों के लिए ऋण शामिल किए जाते हैं, जिनकी अधिकतम राशि 50,000 से 5 लाख रुपये तक हो सकती है. जबकि, तरुण (Tarun) ऋण में बड़े पैम्प्लेट व्यापारों के लिए ऋण शामिल किए जाते हैं, जिनकी अधिकतम राशि 5 लाख से 10 लाख रुपये तक हो सकती है.

(भाषा इनपुट के साथ)

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें