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Coronavirus Lockdown : कोरोना संकट के बीच भारत का इकोनॉमी पर फोकस, पीएम मोदी ने बनायी रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये स्थानीय निवेश बढ़ाने के साथ साथ अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के विभिन्न उपायों पर विस्तार से चर्चा की .

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये स्थानीय निवेश बढ़ाने के साथ साथ अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के विभिन्न उपायों पर विस्तार से चर्चा की .

एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने एक बैठक की. बैठक में इस बात पर चर्चा की गयी कि देश में मौजूदा औद्योगिक भूमि, भूखंडों, परिसरों आदि में परखे हुये, तैयार बुनियादी ढांचे के काम को बढ़ावा देने के लिये एक योजना विकसित की जानी चाहिये और इन्हें जरूरी वित्तीय समर्थन भी उपलब्ध कराया जाना चाहिये.

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मोदी ने बैठक के दौरान सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवेशकों को बनाये रखने, उनकी समस्याओं को देखने तथा उन्हें समयबद्ध तरीके से सभी आवश्यक केंद्रीय और राज्य मंजूरियां प्राप्त करने में मदद करने के हर संभव कदम सक्रियता से उठाये जाने चाहिये. बैठक में तेजी से देश में निवेश लाने और भारतीय घरेलू क्षेत्र को बढ़ावा देने की विभिन्न रणनीतियों पर भी चर्चा हुई.

कोरोना महामारी पर अंकुश के लिए सरकार ने देशव्यापी बंदी लागू की है. इससे लोगों की आवाजाही रुक गई है और वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से घरेलू आपूर्ति और मांग प्रभावित होने के चलते 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 2.8 प्रतिशत रह जाएगी. वैश्विक स्तर पर जोखिम बढ़ने के चलते घरेलू निवेश में सुधार में भी देरी होगी.

रिपोर्ट कहती है कि अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में कोविड-19 का प्रभाव समाप्त होने के बाद अर्थव्यवस्था पांच प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकेगी. हालांकि इसके लिए अर्थव्यवस्था को वित्तीय और मौद्रिक नीति के समर्थन की जरूरत होगी. संवादाताओं के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल में विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर ने कहा कि भारत का परिदृश्य अच्छा नहीं है.

लॉकडाउन अधिक समय तक जारी रहता है तो यहां आर्थिक परिणाम विश्व बैंक के अनुमान से अधिक बुरे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए भारत को सबसे पहले इस महामारी को और फैलने से रोकना होगा. और साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सभी को भोजन मिल सके. टिमर ने कहा कि इसके अलावा भारत को विशेष रूप से स्थानीय स्तर पर अस्थायी रोजगार कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना होगा. एक सवाल के जवाब में टिमर ने कहा कि इसके साथ ही भारत को लघु एवं मझोले उपक्रमों को दिवालिया होने से बचाना होगा.

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