पोर्ट ब्लेयर को सात द्वीपों से जोड़ने वाली योजना का 10 अगस्त को उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के साथ बेहतर संचार सुविधा स्थापित करने के लिए चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर बिछायी गयी केबल संपर्क सुविधा (ओएफसी) को 10 अगस्त को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी. समुद्र के भीतर बिछी यह केबल पोर्ट ब्लेयर को स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी जोड़ेगा.
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के साथ बेहतर संचार सुविधा स्थापित करने के लिए चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर बिछायी गयी केबल संपर्क सुविधा (ओएफसी) को 10 अगस्त को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी. समुद्र के भीतर बिछी यह केबल पोर्ट ब्लेयर को स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी जोड़ेगा.
पीएम मोदी का यह कार्यक्रम वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये आयोजित किया जाएगा. इससे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मोबाइल और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद होंगी. ये सेवाएं देश के अन्य भागों की तरह होगी. बयान के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंडमान निकोबार द्वीप समूह को जोड़ने वाला ‘सबमैरीन केबल कनेक्टिविटी’ का 10 अगस्त को उद्घाटान करेंगे. इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री ने पोर्ट ब्लेयर में दिसंबर 2018 में रखी थी.
दरअसल, सबमैरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल लिंक चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच 2 x 200 गीगाबिट का बैंडविद्थ (जीबीपीएस) देगा. पोर्ट ब्लेयर और अन्य द्वीपों के बीच 2×100 जीबीपीएस देगा. विज्ञप्ति के अनुसार, इससे इन द्वीपों पर भरोसेमंद, मजबूत और हाई स्पीड के दूरसंचार और ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध होगी, जो ग्राहकों के साथ-साथ रणनीतिक और कामकाज के दष्टिकोण से उल्लेखनीय उपलब्धि होगी.
बयान के अनुसार, ‘बेहतर दूरसंचार और ब्रॉडबैंड संपर्क सुविधा से अंडमान निकोबार द्वीप क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार सृजन को गति मिलेगी. नतीजतन, इससे अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा. बेहतर कनेक्टिविटी से टेलीमेडिसिन और टेली-एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा.’ परियोजना का वित्त पोषण सरकार ने संचार मंत्रालय के तहत सार्वभौमिक सेवा बाध्यता कोष के जरिये किया है.
बयान के अनुसार, परियोजना का क्रियान्वयन भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) कर रही है, जबकि टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) तकनीकी परामर्शदाता थी. यहां पर करीब 2,300 किलोमीटर ओएफसी बिछाया गया है, जिस पर करीब 1,224 करोड़ रुपये की लागत आयी है. परियोजना निर्धारित समय में पूरी हुई है.
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Posted By : Vishwat Sen
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