PM Sva nidhi yojna : रेहड़ी-पटरी को कर्ज देने वाली योजना पर है प्रधानमंत्री मोदी की नजर, खुद कर रहे हैं निगरानी…

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर रेहड़ी-पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से शुरू की गयी पीएम स्वनिधि योजना के तहत करीब 50 लाख लोगों को एक साल की अवधि के लिए 10,000 रुपये तक का गारंटी मुक्त कार्यशील पूंजी कर्ज दिया जा रहा है. समीक्षा के दौरान बताया गया कि योजना के लिए 2.6 लाख आवेदन मिल चुके हैं. इनमें से 64,000 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है और 5,500 से अधिक को कर्ज का भुगतान किया जा चुका है. प्रधानमंत्री ने योजना को अमलीजामा पहनाने में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और तेजी लाने के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के इस्तेमाल पर संतोष जताया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2020 10:42 PM

नयी दिल्ली : देश में सड़क के किनारे रेहड़ी-पटरी या खोमचा-ठेला लगाकर जीवन बसर करने वाले लोगों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर एकदम सीधी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की पीएम-स्वनिधि (PM Sva nidhi yojna) योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की. दरअसल, यह योजना रेहड़ी-पटरी (Street vendors) वालों को छोटज्ञ कार्यशील पूंजी कर्ज उपलब्ध कराने के लिए तैयार की गयी है. उन्होंने कहा कि इस योजना को सिर्फ कर्ज देने के रूप में नहीं, बल्कि रेहड़ी-पटरी वालों के पूरी तरह से विकास और आर्थिक उत्थान के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए.

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर रेहड़ी-पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से शुरू की गयी पीएम स्वनिधि योजना के तहत करीब 50 लाख लोगों को एक साल की अवधि के लिए 10,000 रुपये तक का गारंटी मुक्त कार्यशील पूंजी कर्ज दिया जा रहा है. समीक्षा के दौरान बताया गया कि योजना के लिए 2.6 लाख आवेदन मिल चुके हैं. इनमें से 64,000 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है और 5,500 से अधिक को कर्ज का भुगतान किया जा चुका है. प्रधानमंत्री ने योजना को अमलीजामा पहनाने में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और तेजी लाने के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के इस्तेमाल पर संतोष जताया.

गौरतलब है कि योजना को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय मोबाइल एप्लीकेशन सहित एक पूरी तरह से आईटी सॉल्यूशन पर काम कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि योजना के तहत डिजिटल लेनदेन का इस्तेमाल करने वालों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए और इसके दायरे में कच्चे माल की खरीद से लेकर बिक्री, आय के संग्रह तक उनका पूरा कारोबार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान के उपयोग से रेहड़ी-पटरी वालों के क्रेडिट प्रोफाइल बनने में भी मदद मिलेगी, जिससे उनकी भविष्य की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में आसानी होगी.

पीएम मोदी ने कहा कि योजना को सिर्फ रेहड़ी-पटरी वालों को कर्ज देने के संदर्भ में नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे उनके समग्र विकास और आर्थिक उत्थान के रूप में देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस दिशा में एक कदम से उनका पूरा सामाजिक आर्थिक विवरण मिल जाएगा, जिससे आवश्यक नीतिगत कदम उठाना आसान हो जाएगा. पीएम स्वनिधि योजना के तहत समय से भुगतान करने पर ब्याज सब्सिडी और डिजिटल भुगतान करने पर कैशबैक जैसे प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं.

पीएम स्वनिधि योजना या प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर संचालित की जाती है. इसका मकसद कोरोना वायरस महामारी के दौरान लागू लॉकडाउन से प्रभावित रेहड़ी-पटरी और खोमचा वाले छोटे दुकानदारों को 10 हजार रुपये तक पूंजीगत कर्ज उपलब्ध कराना है. सरकार की इस योजना के तहत कर्ज लेने वाले छोटे उद्यमियों को कर्ज की राशि का नियमित रूप से भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता है. डिजिटल लेन-देन करने पर उन्हें पुरस्कार दिए जाने का भी प्रावधान है. अब इस योजना के तहत कॉमन सर्विस सेंटर पर भी आसानी से कर्ज लिया जा सकता है.

सरकार की इस योजना के तहत छोटे दुकानदारों को एक साल तक के लिए कर्ज मुहैया कराया जाता है, जिसका मासिक किस्तों का भुगतान करना होगा. कर्ज लेने के लिए छोटे दुकानदारों को किसी तरह की गारंटी नहीं देनी होगी. सबसे बड़ी बात यह है कि इस कर्ज को लेने वाला छोटा दुकानदार समय पर कर्ज चुका देता है, तो उसे सरकार की ओर से 7 फीसदी का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के तौर पर उसके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इस योजना में जुर्माना लगाने का प्रावधान नहीं है.

सभी कारोबारियों को डिजिटली लेन-देने करना होगा. ऐसा करने पर उन्हें कैशबैक का लाभ भी मिलेगा. सिडबी इस योजना की नोडल एजेंसी है. आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत कर्ज पाने के लिए अब 2 लाख लोगों ने आवेदन किया है. इसमें करीब 50 हजार कारोबारियों के कर्ज मंजूर कर दिए गए हैं..

पीएम स्वनिधि योजना के तहत कर्ज लेने वालों के लिए किसी प्रकार की कड़ी शर्त नहीं रखी गयी है. इसके तहत आसान शर्तों के साथ छोटे कारोबारियों को कर्ज उपलब्ध कराया जाता है. सरकार ने देश के करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों के लिए 5,000 करोड़ रुपये की राशि की मंजूरी दी है. इस योजना के जरिए देश में सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वाले यह कर्ज आसानी से ले सकते हैं. फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें भी इस श्रेणी में शामिल की गयी हैं.

सरकार की इस योजना के तहत कर्ज लेने के लिए सबसे पहले आवेदक को योजना की आधिकारिक वेबसाइट http://pmsvanidhi.mohua.gov.in/ पर जाना होगा. इसके बाद आपके सामने कंप्यूटर स्क्रीन पर होम पेज खुल जाएगा. इस होम पेज पर ‘प्‍लानिंग टू अप्‍लाई फॉर लोन?’ दिखाई देगा. इसमें 3 स्टेप को ध्यान से पढ़ कर ‘व्‍यू मोर’ पर क्लिक करें. ऐसा करने पर आपको तमाम नियम और शर्तें डिटेल में दिखाई देंगी. इस पेज पर आपको ‘व्‍यू/डाउनलोड फॉर्म’ पर क्लिक करना है. यह पहले पॉइंट के नीचे नीले रंग से हाईलाइट होता है.

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Posted By : Vishwat Sen

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