PMFBY : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बढ़ी किसानों की दिलचस्पी, 2020 में 3 फीसदी बढ़ा खरीफ फसल का बीमित रकबा, जानें लाभ
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana : देश में आने वाली प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान से राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) की शुरुआत की गई है. आम तौर पर बाढ़, आंधी, ओलावृष्टि और तेज बारिश से किसानों की फसलें खराब हो जाती हैं. ऐसे संकट से उबारने में यह योजना काफी कारगर साबित हो रही है. खबर यह है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति देश के किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. यही वजह है कि इस साल कोरोना महामारी के बावजूद ग्रामीण भारत में बीमित रकबा पिछले साल के मुकाबले करीब तीन फीसदी बढ़ गया है.
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana : देश में आने वाली प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान से राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) की शुरुआत की गई है. आम तौर पर बाढ़, आंधी, ओलावृष्टि और तेज बारिश से किसानों की फसलें खराब हो जाती हैं. ऐसे संकट से उबारने में यह योजना काफी कारगर साबित हो रही है. खबर यह है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति देश के किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. यही वजह है कि इस साल कोरोना महामारी के बावजूद ग्रामीण भारत में बीमित रकबा पिछले साल के मुकाबले करीब तीन फीसदी बढ़ गया है.
समाचार एजेंसी आईएएनस हिंदी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति देश के किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. इसकी तसदीक इस बात से होती है कि पीएमएफबीवाई (PMFBY) को खरीफ-200 से किसानों के लिए स्वैच्छिक किए जाने के बावजूद योजना के तहत बीमित रकबा पिछले साल से करीब तीन फीसदी बढ़ गया है.’
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (#पीएमएफबीवाई) के प्रति देश के किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है। इसकी तसदीक इस बात से होती है कि पीएमएफबीवाई को खरीफ-200 से किसानों के लिए स्वैच्छिक किए जाने के बावजूद योजना के तहत बीमित रकबा पिछले साल से करीब तीन फीसदी बढ़ गया है। pic.twitter.com/r2GZb3Ioq5
— IANS Hindi (@IANSKhabar) December 13, 2020
क्या है PMFBY?
हर साल प्राकृतिक आपदा के चलते भारत में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से उनकी फसल अक्सर खराब हो जाती है. उन्हें ऐसे संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत की है. सरकार ने इस योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को किया है. इसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
किसानों को कैसे मिलता है लाभ?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के मामले में बीमा प्रीमियम को बहुत कम रखा गया है. इससे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तक हर किसान की पहुंच बनाने में मदद मिली है. सरकार की यह योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें हालांकि किसानों को 5 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है. भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी) इस योजना को संचालित करती है.
योजना का उद्देश्य
प्राकृतिक आपदा, कीड़े और रोग की वजह से सरकार द्वारा अधिसूचित फसल में से किसी नुकसान की स्थिति में किसानों को बीमा कवर और वित्तीय सहायता देना.
किसानों की खेती में रुचि बनाये रखने के प्रयास एवं उन्हें स्थायी आमदनी उपलब्ध कराना.
किसानों को कृषि क्षेत्र में नवोन्मेष एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना.
कृषि क्षेत्र में ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना.
कहां से मिलेगा फॉर्म?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के लिए बैंक में जाकर ऑफलाइन फॉर्म भरकर जमा कराया जा सकता है. वहीं, ऑनलाइन तरीके से फॉर्म भरने के लिए आप इसके आधिकारिक लिंक पर http://pmfby.gov.in/ विजिट कर सकते हैं. अगर आप फॉर्म ऑफलाइन लेना चाहते हैं, तो नजदीकी बैंक की शाखा में जाकर फसल बीमा योजना का फॉर्म भर सकते हैं.
फॉर्म भरने के लिए किन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
किसान की एक फोटो.
किसान का आईडी कार्ड (पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड).
किसान का एड्रेस प्रूफ (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड).
अगर खेत आपका अपना है, तो इसका खसरा नंबर / खाता नंबर का पेपर साथ में रखें.
खेत में फसल की बुवाई हुई है, तो इसका सबूत पेश करना होगा.
इसके सबूत के तौर पर किसान पटवारी, सरपंच, प्रधान जैसे लोगों से एक पत्र लिखवा ले सकते हैं.
अगर खेत बटाई या किराए पर लेकर फसल की बुआई की गयी है, तो खेत के मालिक के साथ करार की कॉपी की फोटोकॉपी जरूर ले जायें.
इसमें खेत का खाता/ खसरा नंबर साफ तौर पर लिखा होना चाहिए.
फसल को नुकसान होने की स्थिति में पैसा सीधे आपके बैंक खाते में पाने के लिए एक रद्द चेक लगाना जरूरी है.
Posted By : Vishwat Sen
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