नयी दिल्ली : क्या आप अपना कारोबार बढ़ाना चाहते हैं? क्या आपको कारोबार बढ़ाने के लिए नये कर्मियों की जरूरत है? ऐसे में सरकार नियोक्ताओं को प्रोत्साहित और नये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) चला रही है. इस योजना के जरिये सरकार नये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना चाहती है.
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नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए नये रोजगार के लिए ईपीएफ अंशदान का 8.33 फीसदी भुगतान केंद्र सरकार तीन वर्षों तक करेगी.
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नियोक्ताओं द्वारा ईपीएफ अंशदान 3.67 फीसदी दिये जाने के बाद सरकार 8.33 फीसदी भुगतान करेगी.
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श्रमिकों को ऐसे प्रतिष्ठानों में रोजगार के अवसर मिलेंगे.
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नये कर्मचारियों को संगठित क्षेत्र की सामाजिक सुरक्षा के लाभ भी उपलब्ध होंगे.
योजना की शुरुआत साल 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुरू की थी. इसमें अप्रैल 2018 में संशोधन किया गया. इसमें नये रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नियोक्ताओं को तीन वर्षों तक ईपीएफ और ईपीएस में अंशदान सरकार की ओर से देने का प्रावधान किया गया है.
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ईपीएफ में रजिस्टर्ड सभी उद्यम योजना का लाभ ले सकते हैं.
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कारोबार के लिए लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर का होना जरूरी है.
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नये श्रमिकों के पास आधार से जुड़े यूनिवर्सल अकाउंट नंबर होने चाहिए.
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नये श्रमिकों की सैलरी 15,000 रुपये मासिक से अधिक नहीं होनी चाहिए.
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योजना का लाभ लेने के लिए अगस्त 2016 के बाद श्रमिकों को जोड़ा जाना जरूरी है.
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श्रमिकों का संदर्भ आधार उन कर्मियों की संख्या पर निर्धारित करेगा, जिनके लिए नियोक्ता ने 31 मार्च 2016 तक ईपीएफओ के पास 12 फीसदी (3.67 फीसदी ईपीएफ + 8.33 फीसदी ईपीएस) जमा किया है.
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