PMVVY : प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में पेंशन के साथ-साथ बेहतर रिटर्न देती है LIC, जानिए क्या-क्या हैं इसके फायदे?

PMVVY/LIC Scheme : रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को न्यूनतम पेंशन पाने के लायक बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की शुरुआत की गयी है. सरकार की इस योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी की ओर से चलायी गयी स्कीम के तहत पॉलिसी लेने वालों को रिटायरमेंट के बाद हर महीने एकमुश्त निर्धारित पेंशन के साथ बेहतर रिटर्न भी दिया जाता है. आइए, जानते हैं कि प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के क्या-क्या फायदे हैं...

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2020 6:41 PM

PMVVY/LIC Scheme : रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को न्यूनतम पेंशन पाने के लायक बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की शुरुआत की गयी है. सरकार की इस योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी की ओर से चलायी गयी स्कीम के तहत पॉलिसी लेने वालों को रिटायरमेंट के बाद हर महीने एकमुश्त निर्धारित पेंशन के साथ बेहतर रिटर्न भी दिया जाता है. आइए, जानते हैं कि प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के क्या-क्या फायदे हैं…

क्या है पीएम वय वंदना योजना?

पीएमवीवीवाई 60 साल तथा उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक पेंशन योजना है. इस योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को मासिक पेंशन विकल्प चुनने पर 10 साल के लिए 8फीसदी की गारंटीशुदा रिटर्न (वापसी) मिलेगी. अगर सालाना पेंशन का विकल्प चुनें, तो 10 साल के लिए 8.3 फीसदी की गारंटीशुदा रिटर्न (वापसी) मिलेगी. इस योजना की खासीयत यह है कि इस योजना को जीएसटी छूट दी गयी है. इस पॉलिसी को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है. इस योजना को सरकार ने 4 मई 2017 को लॉन्च किया था.

किसे मिलेगा बोनस का लाभ?

पीएमवीवीवाई के तहत निवेश सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. यह पहले 7.5 लाख रुपये था. निवेश सीमा बढ़ने से वरिष्ठ नागरिकों को हर महीने 10 हजार रुपये तक पेंशन मिल सकेगी. इसके साथ ही, पीएमवीवीवाई में संशोधन के तहत अधिकतम निवेश की सीमा को प्रति परिवार से बदलकर प्रति वरिष्ठ नागरिक कर दी गयी है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर एक परिवार में पति और पत्नी दोनों वरिष्ठ हैं, तो वे दोनों अधिकतम 15-15 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं और दोनों मिलकर कुल 30 लाख रुपये का निवेश कर बोनस का लाभ उठा सकते हैं.

पेंशन भुगतान का क्या है तरीका?

पेंशनधारक को मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक और वार्षिक आधार पर पेंशन का भुगतान किया जाएगा. पेंशन का भुगतान एनईएफटी(NEFT) द्वारा या आधार सक्षम भुगतान प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा.

योजना का क्या है लाभ?

पेंशन भुगतान : अगर पॉलिसीधारक पूरे पॉलिसी अवधि यानी 10 साल तक जीवित रहता है, तो उसके द्वारा चुनी गयी अवधि (मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक) के अंत में पेंशन का भुगतान किया जाएगा.

  • योजना में निवेश किये गये प्रत्येक 1000 रुपये पर कितना होगा भुगतान?

  • मासिक मोड में 80 रुपये का भुगतान किया जाएगा.

  • तिमाही मोड में 80.5 रुपये का भुगतान किया जाएगा.

  • छमाही मोड में 80.3 रुपये का भुगतान किया जाएगा.

  • वार्षिक मोड में 83 रुपये का भुगतान किया जाएगा.

मृत्यु लाभ : अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु पॉलिसी अवधि के 10 साल के भीतर होती है, तो उसके नॉमिनी को खरीदी मूल्य वापस कर दिया जाएगा.

परिपक्वता लाभ : अगर पॉलिसीधारक पूरे पॉलिसी अवधि यानी 10 साल तक जीवित रहता है, तो उसे खरीदी रकम के साथ-साथ पेंशन की अंतिम किस्त का भुगतान किया जाएगा.

सरेंडर मूल्य : यह स्कीम किसी को पॉलिसी अवधि के दौरान गंभीर परिस्थितियों में समयपूर्व सरेंडर की अनुमति देती है. यहां पर गंभीर परिस्थितियों का मतलब यह हुआ कि आपको या आपके परिवार (पति/पत्नी) को किसी प्रकार की कोई गंभीर/टर्मिनल बीमारी है, तो ऐसी स्थिति में पॉलिसीधारक अपनी पॉलिसी को सरेंडर कर सकता है और खरीदी मूल्य की 98 फीसदी राशि वापस मिल जाएगी.

लोन : पॉलिसी के तहत 3 साल पूरा होने पर लोन सुविधा उपलब्ध है. इसके तहत पॉलिसीधारक अधिकतम खरीदी मूल्य की 75 फीसदी राशि लोन के रूप में ले सकते हैं.

फ्री लुक अवधि : अगर कोई पॉलिसीधारक पॉलिसी के नियम और शर्तों से संतुष्ट नहीं है, तो वह पॉलिसी की प्राप्ति की तारीख से पॉलिसी को 15 दिनों के भीतर निगम को आपत्ति के कारण के साथ वापस कर सकता है (30 दिन के अंदर तब, जब यह पॉलिसी ऑनलाइन खरीदी जाती है). अगर वह ऐसा करता है, तो उसे स्टाम्प ड्यूटी और अगर किसी पेंशन की किस्त का भुगतान हुआ है, तो वह शुल्क घटाकर पूरी राशि वापस कर दी जाएगी.

एक्सक्लूशन : अगर कोई पॉलिसीधारक आत्महत्या करता है, तो उसके नॉमिनी को पूर्ण खरीदी मूल्य का भुगतान किया जाएगा.

टैक्स लाभ : आयकर 1961 की धारा 80C के इस योजना के तहत जमा की गयी राशि करमुक्त है. हालांकि, जमा हुई राशि से अर्जित ब्याज पर पॉलिसीधारक को इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा.

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Posted By : Vishwat Sen

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