Loading election data...

PNB के ग्राहकों के लिए जरूरी बात, 1 अक्टूबर 2024 से मिनिमम बैलेंस घटने पर भारी चार्ज

PNB: पंजाब नेशनल बैंक ने सेविंग अकाउंट्स से जुड़ी जरूरी सेवाओं पर लगने वाले शुल्क में बदलाव कर दिया है. इस बदलाव के बाद सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखना बेहद जरूरी है.

By KumarVishwat Sen | September 30, 2024 3:36 PM

PNB: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के ग्राहक कृपया अपने काम की बात जान लें. आपके लिए बेहद जरूरी खबर है. 1 अक्टूबर 2024 से देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक अपने नियमों में बदलाव कर दिया है. नियमों में बदलाव होने के बाद बैंक की जरूरी सेवाओं पर चार्ज बढ़ गया, जो आपकी जेब पर भारी पड़ेगा. बैंक के नियमों में बदलाव होने के बाद सबसे अधिक प्रभाव सेविंग अकाउंट्स के ग्राहकों पर पड़ेगा. इसमें सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस, लॉकर रेंट, चेक निकालने संबंधी चार्ज बढ़ गए हैं.

सेविंग अकाउंट्स के सर्विस चार्ज में बदलाव

अंग्रेजी की वेबसाइट इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक ने सेविंग अकाउंट्स से जुड़ी जरूरी सेवाओं पर लगने वाले शुल्क में बदलाव कर दिया है. इस बदलाव के बाद सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखना बेहद जरूरी है. इसके अलावा, डिमांड ड्राफ्ट बनाने और जारी करने पर लगने वाले शुल्क, चेक निकासी पर लगने वाले शुल्क, रिटर्न कॉस्ट और लॉकर रेंट चार्ज में बदलाव किया है. खास बात है कि अगर किसी ग्राहक के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रहेगा, तो नए नियम के अनुसार, उस महीने उस पर बैंक की ओर से शुल्क लगा दिया जाएगा. बैंक ने इससे पहले अकाउंट्स में एवरेज मिनिमम बैलेंस कम होने पर तीन पर पर शुल्क की वसूली करता था, जिसे बदलकर अब एक महीने कर दिया गया है.

ग्रामीण क्षेत्रों में मिनिमम बैलेंस 500 रुपये जरूरी

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कोई ग्राहक ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है और उसका पंजाब नेशनल बैंक के ग्रामीण इलाके वाली शाखा में खाता है, तो उसे अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस के तौर पर 500 रुपये रखना जरूरी है. अर्द्ध-शहरी शाखा वाले ग्राहकों को 1000 रुपये, शहरी और महानगरों की शाखा में खाता खोलने वाले ग्राहकों को अपने अकाउंट में 2000 रुपये का मिनिमम बैलेंस रखना आवश्यक है.

मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर लगेगा शुल्क

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर ग्राहकों को शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा. ग्रामीण क्षेत्र की शाखाओं में किसी ग्राहक के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 50% तक रहता है, उसे हर महीने 50 रुपये देने होंगे. अर्द्ध-शहरी शाखा के ग्राहकों को 100 रुपये हर महीने, शहरी और महानगरों की शाखाओं में खाता खुलवाने वाले ग्राहकों को 250 रुपये हर महीने शुल्क का भुगतान करना होगा.

मिनिमम बैलेंस 50% से कम रहने पर बढ़ेगा चार्ज

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी ग्राहक के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 50% से कम हो जाता है, तो शुल्क भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगा. अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 6% कम रहने पर ग्रामीण इलाकों में 1 रुपये और अधिकतम 80 रुपये तक चला जाएगा. अर्द्ध-शहरी इलाकों में 1 रुपये से अधिकतम 60 रुपये, शहरी और महानगरों में 5% और कम होने पर 1 रुपया और अधिकतम 100 रुपये शुल्क में बढ़ोतरी हो जाएगी.

डिमांड ड्राफ्ट बनवाना महंगा

अगर कोई ग्राहक डिमांड ड्राफ्ट जारी करता है, तो उसे इस समय 10,000 रुपये पर 50 रुपये और 10,000 से 1,00,000 रुपये तक के लिए प्रति 1,000 पर 4 रुपये चार्ज लगता है. 1,00,000 रुपये से अधिक के डिमांड ड्राफ्ट पर प्रति 1,000 रुपये पर 5 रुपये शुल्क है, जिसका अधिकतम शुल्क 600 रुपये और अधिकतम शुल्क 15,000 रुपये है. नियमों में बदलाव हो जाने के बाद डिमांड ड्राफ्ट की कुल रकम पर 0.40% शुल्क वसूला जाएगा, जिसका कम से कम 50 रुपये और अधिक से अधिक 15,000 रुपये है. नकदी में 50,000 रुपये से कम की राशि जमा करने पर सामान्य शुल्क से 50% अधिक शुल्क वसूला जाएगा.

चेक वापस होने पर 300 रुपये

नियमों में बदलाव होने पर सेविंग अकाउंट में पैसे नहीं होने की स्थिति कोई चेक वापस लौटता है, तो 300 रुपये प्रति चेक की दर से पैसे देने होंगे. चालू खाता, कैश लोन और ओवड्राफ्ट के लिए वित्त वर्ष में पहले तीन चेक लौटने की स्थिति में 300 रुपये प्रति चेक और चौथे चेक के लौटने पर 1000 रुपये भुगतान करने होंगे. अकाउंट में पैसे नहीं रहने के अलावा दूसरे कारणों से चेक लौटने पर 100 रुपये प्रति चेक शुल्क लगेगा. बैंक की तरफ से समस्या पैदा होने या तकनीकी खामी होने पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगेगा.

इसे भी पढ़ें: गिरे बाजार में तूफान मचा रहा अनिल अंबानी का यह शेयर, निवेशकों को जोरदार मुनाफा

लॉकर रेंट नियम में बदलाव

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बैंक ने अपने नए नियम में लॉकर रेंट में भी बदलाव किया है. नए नियम के अनुसार, ग्रामीण इलाकों के छोटे लॉकर के लिए 1,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए 1,250 रुपये, शहरी क्षेत्र और महानगरों के लिए 2,000 का लॉकर रेंट लगेगा. मध्यम लॉकर के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 2,200 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 2,500 रुपये, शहरी क्षेत्र और महानगरों के लिए 3,500 रुपये देने होगे. बड़े लॉकर के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 2,500 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 3,000 रुपये, शहरी क्षेत्र और महानगरों में 5,500 रुपये का भुगतान करना होगा.

इसे भी पढ़ें: एसआईपी से भी तगड़ा प्रोडक्ट लाने जा रहा SBI, ग्राहकों को मिलेगा मेगा रिटर्न

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version