दुबई में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोलेगा PNB, बोर्ड ने दी मंजूरी
PNB Dubai: पीएनबी के एमडी अतुल कुमार गोयल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बैंक को दुबई में प्रतिनिधि कार्यालय खोलने के लिए निदेशक मंडल की मंजूरी मिल गई है और विनियामक मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है.
PNB Dubai: भारत में सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अब खाड़ी देशों में सबसे मशहूर दुबई में अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोलने की योजना बनाई है. पीएनबी का प्रतिनिधि कार्यालय खुलने के बाद दुबई में रहने वाले भारतीयों को लेनदेन करने में सहूलियत होगी. इसके लिए निदेशक मंडल की ओर से मंजूरी मिल गई है. अब केवल बाजार विनियामक की मंजूरी लेना बाकी.
चालू वित्त वर्ष 2024 में दुबई में खुल जाएगा
पीएनबी के प्रबंध निदेशक (एमडी) अतुल कुमार गोयल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बैंक को दुबई में प्रतिनिधि कार्यालय खोलने के लिए निदेशक मंडल की मंजूरी मिल गई है और विनियामक मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि अगर सभी नियामकीय मंजूरियां समय पर मिल जाती हैं, तो उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में प्रतिनिधि कार्यालय खुल जाएगा.
पीएनबी ने पिछले साल छह देशों में खोले प्रतिनिधि कार्यालय
पिछले वित्त वर्ष के अंत तक पीएनबी ने ब्रिटेन में लंदन और भूटान, नेपाल में एक संयुक्त उद्यम, म्यांमार और बांग्लादेश में दो प्रतिनिधि कार्यालयों के साथ छह देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. लाभप्रदाता में सुधार की रणनीति पर उन्होंने कहा कि खुदरा, कृषि, एमएसएमई (आरएएम) पोर्टफोलियो का विस्तार करने, अच्छे कॉरपोरेट लोन देने, स्लिपेज को नियंत्रित करने और वसूली में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
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चालू खाता और बचत खाता बढ़ाने पर फोकस
अतुल कुमार गोयल ने कहा कि इसके अलावा, विदेशी मुद्रा आय में सुधार लाने तथा गैर-ब्याज आय बढ़ाने के लिए तीसरे पक्ष के उत्पादों की बिक्री से उच्च शुल्क आय प्राप्त करने पर भी जोर दिया जाएगा. ब्याज आमदनी में सुधार के संबंध में उन्होंने कहा कि कम लागत वाली जमा ‘कासा’ (चालू खाता और बचत खाता) को बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मार्च 2024 के अंत तक कुल जमा के प्रतिशत के रूप में कासा 41.4 फीसदी था, तथा चालू वित्त वर्ष के अंत तक इसे 42 फीसदी से अधिक करने का लक्ष्य है. बैंक का इरादा चालू वित्त वर्ष के दौरान कर्ज की लागत को एक फीसदी से नीचे रखने का है.
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