Post Office Savings Schemes : पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण खबर है और वह यह कि सरकार ने डाकघर बचत योजनाओं की ब्याज दर में बढ़ोतरी की है. सरकार लोगों की जरूरतों को देखते हुए लघु बचत या डाकघर योजनाओं की पेशकश करती है. बजट में महिलाओं के लिए एक नई लघु बचत योजना की घोषणा की गई है. इसके साथ ही, वरिष्ठ नागरिक लघु बचत योजना (एससीएसएस) और डाकघर मासिक आय योजना (पीओएमआईएस) में सीमा बढ़ा दी गई है. इसी क्रम में सरकार ने अभी हाल ही में सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) की ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी की है. आइए, जानते हैं कि सरकार ने पीपीएफ ब्याज दरों में कितनी बढ़ोतरी की है.
बता दें कि सरकार की ओर से बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को लेकर प्रत्येक तीन महीने में समीक्षा की जाती है. इन बचत योजनाओं में डाकघर से संचालित होने वाली लोकप्रिय बचत योजनाओं को भी शामिल किया जाता है, क्योंकि इन बचत योजनाओं को केंद्र सरकार का समर्थन प्राप्त है और यहां रिटर्न निश्चित और गारंटीड हैं. आपको यह भी बता दें कि आज भी भारत के अधिकतर लोग डाकघर में निवेश करने पर अधिक भरोसा करते हैं. सरकार की ओर से जिन बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है, उनमें एनएससी, एससीएसएस, पीपीएफ आदि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर-बचत लाभ भी प्रदान करती हैं. सरकार की ओर से 30 दिसंबर, 2022 को इस तिमाही जनवरी से मार्च 2023 के लिए ब्याज दरों की घोषणा की गई और अगली मार्च के अंत या 1 अप्रैल, 2023 के आसपास घोषित की जाएगी.
बचत योजनाओं में सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) सबसे लोकप्रिय योजना है और निवेश विकल्पों में से एक है. इसे कर की छूट-छूट-छूट (ईईई) का दर्जा प्राप्त है. 15 साल की लॉक-इन पीरियड होने के बावजूद सात साल के बाद आंशिक निकासी की जा सकती है. सबसे बड़ी बात यह है कि निवेश के तीसरे साल के बाद लोन की सुविधा शुरू हो जाती है. पीपीएफ में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है. इसमें कम से कम 500 रुपये के सालाना योगदान से निवेश शुरू किया जा सकता है और अधिकतम योगदान की सीमा 1.5 लाख रुपये निर्धारित की गई है. इस योजना में चालू तिमाही जनवरी- मार्च 2023 के लिए सरकार की ओर से ब्याज दर 7.1 फीसदी निर्धारित की गई है.
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नौकरीपेशा, स्वरोजगार, पेंशनभोगी आदि सहित कोई भी निवासी भारतीय डाकघर में पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है.
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डाकघर पीपीएफ खाते सहित पीपीएफ खातों की कुल संख्या जो एक व्यक्ति खोल सकता है, वह एक तक सीमित है. इसमें संयुक्त खाता खोलने की अनुमति नहीं है.
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नाबालिग बच्चे की ओर से माता-पिता या अभिभावक द्वारा पोस्ट ऑफिस में नाबालिग पीपीएफ अकाउंट खोला जा सकता है. यह भी प्रति बच्चा एक नाबालिग पीपीएफ खाते तक सीमित है.
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प्रवासी भारतीय नागरिकों को नया पीपीएफ अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं है. हालांकि, यदि कोई निवासी भारतीय पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी से पहले एनआरआई बन जाता है, तो वह मैच्योरिटी तक खाते का संचालन जारी रख सकता है.
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पहचान प्रमाण : वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड
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एड्रेस प्रूफ : वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड
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पैन कार्ड
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पासपोर्ट साइज फोटो
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नामांकन फॉर्म- फॉर्म E8
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आपको आवेदन फॉर्म नजदीकी डाकघर या ऑनलाइन लेकर भरना होगा.
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पूरी तरह से भरा हुआ फॉर्म आवश्यक केवाईसी दस्तावेजों (आधार, पैन, मतदाता पहचान पत्र, आदि), फोटो आदि की सेल्फ अटेस्टड कॉपी के साथ पास के भारतीय डाकघर में जमा किया
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जा सकता है. सुनिश्चित करें कि आप मूल केवाईसी दस्तावेज अपने साथ ले जाएं.
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खाता खोलने के लिए आपको ड्राफ्ट या चेक (न्यूनतम 100 रुपये) का उपयोग करके प्रारंभिक राशि भी जमा करनी होगी. हालांकि, योजना के लिए आवश्यक न्यूनतम वार्षिक योगदान 500 रुपये है.
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एक बार जब आपका डाकघर पीपीएफ खाता एक्टिव हो जाता है, तो खाते के लिए एक पासबुक जारी की जाती है और आपको प्रदान की जाती है.इसमें पीपीएफ खाता नंबर, बैलेंस राशि आदि सहित प्रमुख अकाउंट जानकारी शामिल हैं.
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