नयी दिल्ली : देश के सभी केंद्रशासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का निजीकरण किया जाएगा. केंद्रशासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया सफल हो जाने के बाद राज्यों में भी बिजली कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करने के दौरान इस बात का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि निजीकरण से दक्षता में सुधार और निवेश आकर्षित करने का ऐसा मॉडल सामने आने की उम्मीद है, जिसे बाद में अन्य राज्यों में लागू जा सकेगा.
वित्त मंत्री ने कोरोनो वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को राहत प्रदान करने के 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि देश में बिजली वितरण और आपूर्ति क्षेत्र का काम सामान्य स्तर के नीचे है. उन्होंने कहा कि डिस्कॉम के निजीकरण से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलेगी और बिजली वितरण में परिचालन तथा वित्तीय दक्षता में सुधार होगा. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रशासित प्रदेशों के घरों में प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि यह देश भर में अन्य राज्यों के डिस्कॉम के लिए अनुकरण योग्य मॉडल का काम करेगा. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का निजीकरण काफी समय से बिजली मंत्रालय के विचाराधीन है. इससे पहले, मुंबई, दिल्ली और कुछ अन्य शहरों में डिस्कॉम का निजीकरण किया गया था.
इस बीच, ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने शुक्रवार को उद्योग क्षेत्र के प्रतिनिधियों को डिस्कॉम के निजीकरण की खातिर बोली लगाने के लिए आगे आने का आह्वान किया. मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में एक संशोधित बिजली शुल्क नीति जारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार की नीति उपभोक्ता अधिकार, उद्योग को बढ़ावा देने और बिजली क्षेत्र की मजबूती पर केंद्रित होगी.
उन्होंने कहा कि संशोधित नीति के तहत डिस्कॉम को अपनी अक्षमता और नुकसान का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं या तकनीकी समस्याओं को छोड़कर डिस्कॉम को कुछ सेवा मानक बनाकर रखने होंगे. डिस्कॉम को लोड शेडिंग के लिए दंडित किया जाएगा. उत्पादन और पारेषण की परियोजनाएं बनाने के लिए प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से कंपनियों को चुना जाएगा.
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