नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने पीपीएफ खाताधारकों को राहत देते हुए अकाउंट में जमा होने वाली न्यूनतम राशि के लिए अवधि बढ़ा दी है. अब 30 जून तक पीपीएफ अकाउंट में न्यूनतम राशि जमा कराया जा सकता है. यह फैसला कोरोनावायरस और लॉकडाउन की वजह से लिया गया है. पहले इसकी सीमा 31 मार्च 2020 तक ही थी.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार जो भी पीपीएफ खाताधारक अपने आरडी अकाउंट में निवेश के न्यूनतम राशि को जमा नहीं करा पाए हैं, उसको केंद्र सरकार ने राहत देते हुए 30 जून तक का समय दिया है. खाताधारक अब बिना ब्याज दिए 30 जून तक राशि जमा करा सकते हैं. वहीं 30 जून तक राशि नहीं जमा कर सकने वाले खाताधारकों को उसके बाद जुर्माना लग सकता है.
15 साल में पूरी होगी परिपक्वता अवधि : बता दें कि इससे पहले, डाक विभाग सहित चुनिंदा बैंकों ने पीपीएफ खाते की परिपक्वता अवधि के नियम में भी बदलाव किया था. डाक और बैंक द्वारा बदले गये नियम के तहत अब पीपीएफ खाता 15 साल में परिपक्व होगा. यह खाताधारक के ऊपर निर्भर करता है कि आप परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद इसे पांच साल के लिए आगे भी बढ़ा सकते हैं. इसके लिए आपको परिपक्वता अवधि समाप्त होने के एक साल के अंदर फॉर्म 4 जमा करना होगा. हालांकि, पहले इसके लिए फॉर्म एच भरना होता था.
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पीपीएफ अकाउंट क्या है- पीपीएफ यानी सार्वजनिक बचत निधि या पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट, ईपीएफ से थोड़ा अलग है. इसमें ग्राहक पैसे का निवेश कर सकते हैं. पीपीएफ में निवेश कोई भी सामान्य भारतीय नागरिक अपने स्तर से कर सकता है. यह आयकर लाभ के साथ एक वैकल्पिक निवेश भी है. पीपीएफ एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम जमा राशि 500 रुपए होती है. वहीं अधिकतम जमाराशि 150,000 हो सकती है.
गौरतलब है कि पीपीएफ खाते की रकम पर पूरे महीने ब्याज पाने के लिए आपको ग्राहकों को महीने पांच तारीख से पहले रकम जमा करना चाहिए. अगर आप पीपीएफ के ब्याज कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि ब्याज हर महीने खाते में जमा सबसे कम रकम के आधार पर जोड़ा जाता है. यह रकम हर महीने की पांच तारीख से लेकर महीने के अंत में जो भी सबसे कम रकम होगी, उसी आधार पर जोड़ा जाएगा.
Posted By : Avinish Kumar Mishra
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