कोरोना काल में लोगों को पैसों से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ा. सरकार ने ऐसी सुविधा दी है. इसके अलावा घर-परिवार में कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती है जब आपको पैसों की आवश्यकता होती है.
ऐसे समय में आप अपने पीपीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं. हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें लागू हैं. इसलिए अगर आप पीपीएफ से पैसे निकालने (प्री-मैच्योर विदड्रावल) की सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको पैसे निकालने के नियम और लगनेवाले शुल्क के बारे में जान लेना चाहिए.
पांच साल के बाद ही निकाल सकते हैं पैसे पीपीएफ खाता की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष की होती है. खाता खोलने वाले साल के बाद से पांच साल तक इस खाते से पैसा नहीं निकाला जा सकता है. पांच साल की अवधि पूरा होने के बाद फॉर्म-2 भरकर पैसा निकाला जा सकता है. लेकिन इन शर्तों के आधार पर ही पैसे निकाला जा सकता है.
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अगर पीपीएफ खाताधारक के आवासीय पते में बदलाव होता है. खासतौर पर अगर वह देश छोड़कर जा रहा हो, तो पीपीएफ खाता बंद कराने की सुविधा मिलती है.अगर खाताधारक के जीवन साथी या खाताधारक के किसी आश्रित को जानलेवा बीमारी हो जाये, तब वह पूरा पैसा निकाल कर अकाउंट बंद करा सकता है.
यदि खाताधारक को अपने या बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत है, तब भी वह प्री-मैच्योर डिलीवरी ले सकता है. इसके लिए खाताधारक को जरूरी दस्तावेज देने होंगे.
15 साल की मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर आपके फंड से एक प्रतिशत की कटौती की जाती है. यानी यदि कोई व्यक्ति वर्तमान योगदान पर 7.1 का ब्याज पा रहा था, लेकिन अगर वह समय से पहले पीपीएफ खाता बंद करता है, तो उसे 6.1% ही ब्याज मिलेगा.
अगर खाताधारक की मृत्यु पीपीएफ अकाउंट के मैच्योर होने से पहले हो जाती है, तो इस स्थिति में नॉमिनी पूरा पैसा निकाल सकता है. चाहे खाता खोले पांच साल पूरे नहीं हुए हैं. खाताधारक की मृत्यु के बाद खाते को बंद कर दिया जाता है. नॉमिनी उस खाते को आगे जारी नहीं रख सकता है.
पीपीएफ खाते में जमा राशि पर आप लोन भी ले सकते हैं. आपने जिस वित्त वर्ष में पीपीएफ खाता खुलवाया है, उस वित्त वर्ष की समाप्ति के एक वित्त वर्ष बाद से लेकर पांचवें वित्त वर्ष की समाप्ति तक आप पीपीएफ से लोन लेने के हकदार हैं. अगर आपने जनवरी 2017 में पीपीएफ खाता खुलवाया है, तो आप 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2022 तक लोन ले सकते हैं. आपके द्वारा जमा की गयी कुल राशि पर अधिकतम 25% का लोन मिलता है.
पीपीएफ पर लोन पर पहले लोन का मूलधन चुकाना होता है, उसके बाद ब्याज. मूलधन को दो या उससे ज्यादा किस्त या मासिक किस्त में चुकाया जा सकता है. लोन की मूलधन राशि का भुगतान जिस महीने में लोन लिया गया है, उससे 36 महीने में करना होता है. लोन के लिए प्रभावी ब्याज दर पीपीएफ पर मिल रहे ब्याज से केवल एक फीसदी ज्यादा रहती है. ब्याज को दो मासिक किस्त या एकमुश्त चुकाया जा सकता है.
अगर आपने नियत समय के अंदर लोन का मूलधन चुका दिया है, लेकिन ब्याज का कुछ हिस्सा बाकी है, तो वह आपके पीपीएफ खाते से काट लिया जाता है.
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