Year Ender 2023: सार्वजनिक भविष्य निधि (Public Provident Fund) छोटी बचत योजनाओं में एक लोकप्रिय विकल्प है. इसमें निवेशक को एक साथ कई लाभ मिलते हैं. कम रिस्क के साथ टैक्स बेनिफिट और बेहतर रिटर्न इस पॉलिसी को खास बनाती है. ऐसे में लॉंग टर्म स्मॉल इंवेस्टमेंट में पीपीएफ एक बेहतरीन निवेश है. हालांकि, इसे लेकर निवेशकों की एक शिकायत है. सरकार के द्वारा साल 2020 से लेकर अभी तक इसपर मिलने वाले ब्याज की दर को बढ़ा दिया है. हालांकि, इस दौरान स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गयी. वित्तिय सलाहकार विनय चौधरी बताते हैं कि केंद्र सरकार के द्वारा पिछली तिमाही में, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) समेत कई योजनाओं में निवेश पर मिलने वाले ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की है. ऐसे में, उम्मीद की जा सकती है कि सरकार साल 2024 में पीपीएफ पर अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी का तोहफा निवेशकों को दे सकती है. हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद ही, इसपर सरकार विचार करेगी. अभी पीपीएफ में जमा राशि पर 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिलता है.
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क्यों की जा रही है ब्याज के बढ़ने की उम्मीद
वित्तिय सलाहकार विनय चौधरी बताते हैं कि पीपीएफ में जमा राशि पर ब्याज देने के लिए सरकार ने एक फॉर्मूला बनाया है. स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरें केंद्र सरकार की 10-वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों (10-year Government Securities) से जुड़ी होती है. इसके आमभाषा में जी-सेक कहते हैं. जी-सेक पर मिलने वाले तीन महीने के औसत रिटर्न के आधार पर स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरें तय होती हैं. वित्त मंत्रालय के अनुसार, किसी तिमाही में पीपीएफ ब्याज दर पिछले तीन महीनों की बेंचमार्क रिटर्न पर 25 आधार अंकों का स्प्रेड है. 10 वर्षीय जी सेक रिटर्न सितंबर से अक्टूबर 2023 तक औसतन 7.28% है. ऐसे में सरकार की गणित के हिसाब से जनवरी-मार्च तिमाही के लिए पीपीएफ ब्याज दर आदर्श रूप से 7.53% के आसपास होनी चाहिए. इससे साफ होता है कि अगले साल पीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर बढ़ने वाली है.
क्या है पीपीएफ
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) की शुरुआत 1 जुलाई 1968 को हुई थी. भारत सरकार ने इस निवेश योजना को अगर व्यक्तिगत बचत और निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आरंभ किया था. PPF एक पॉपुलर और सुरक्षित निवेश योजना है जो आम जनता को सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से धन निवेश करने का अवसर प्रदान करती है. इसमें निवेश एक नियमित संयमित अवधि के लिए होता है, जो 15 वर्षों का होता है, और इसे बढ़ाया जा सकता है. पीपीएफ में खाता खोलने के लिए न्यूनतम राशि निर्धारित की गई है. आप केवल ₹500 से अपना पीपीएफ खाता खोल सकते हैं. साथ ही, एक वित्तीय वर्ष में पीपीएफ खाते में जमा की जा सकने वाली अधिकतम राशि की एक सीमा होती है. वर्तमान में, यह सीमा ₹1.5 लाख है. यह निवेश एक बार में भी कर सकते हैं या 12 इन्सटॉलमेंट में कर सकते हैं. इसमें निवेशक को आयकर की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख तक टैक्स बेनेफिट मिल सकता है. इसमें निवेश करने के सातवें साल से पैसे की निकासी कर सकते हैं. इसमें एक और महत्वपूर्ण बातै है कि इसपर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है.
घर बैठे खोल सकते हैं खाता
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा अपने ग्राहकों को पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट (PPF Account) खोलने का शानदार मौका दिया जा रहा है. बैंक ने बताया है कि कोई भी ग्राहक अपने ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए आसानी से पीपीएफ खाता खुलवा सकता है. खाता खुलवाने के लिए कुछ आसान स्टेप्स को फॉलो करना होगा. इसके बाद आपका पीपीएफ खाता खुल जाएगा. आपको बता दें कि पीपीएफ में निवेश न्यूनतम 15 वर्ष के लिए किया जाता है. इस ब्लाक को पांच तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. आप अपने PPF अकाउंट के धन निकाल सकते हैं. इसके अलावा, आप निवेश को विकसित रख सकते हैं और अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
कैसे खोलें स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता
भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता खोलने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन बैंकिंग पर लॉग इन करें. इसके बाद, डिपॉजिट एंड इन्वेस्टमेंट के विकल्प को चूनें. इसके बाद, आपके सामने पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF अकाउंट का विकल्प सामने दिखेगा. इसके बाद आपको PPF Account Opning पर जाना होगा. इसके बाद आपको स्क्रीन पर एक छोड़े बॉक्स में पीपीएफ खाते से जुड़ा टर्म एंड कंडीशन दिखेगा. इसको पढ़कर सारी जानकारी समझ लें. इसके बाद, सहमत होने का विकल्प चयन करें. फिर पीपीएफ खोलने के विकल्प को चूनें. इसके बाद आसानी आपका PPF अंकाउंट खुल जाएगा. पीपीएफ खाते में आप एक साल में न्यूनतम 500 रुपये से लेकर 1,50,000 रुपये तक जमा कर सकते हैं.