सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) की ब्याज दरों में आने वाले दिनों में बढ़ोतरी की संभावना जतायी जा रही है. फिलहाल पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 है. गवर्नमेंट सिक्युरिटीज (G-sec) यानी गवर्नमेंट बांड 7.3 को छू चुकी है. जो जनवरी 2022 में 6.5 प्रतिशत थी, जो बढ़कर जून में 7.6 के पार पहुंच गयी. सितंबर 2022 तक पिछली नौ तिमाहियों से विभिन्न लघु बचत निवेशों पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
पिछले तीन महीने में रेपो रेट में 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले महीने प्रमुख ब्याज दर रेपो को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया. यह मई के बाद से तीसरी वृद्धि है. ताजा वृद्धि के साथ रेपो दर या अल्पकालिक उधारी दर महामारी से पहले के स्तर 5.15 प्रतिशत को पार कर गई है. रेपो दर पर ही वाणिज्यिक बैंक केंद्रीय बैंक से उधार लेते हैं. रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद से ही संभावना जतायी जा रही है कि एनएससी(NSC), पीपीएफ(PPF) और सुकन्या समृद्धि योजनाओं( Sukanya Samridhi Yojna) जैसी बचत योजना के ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है.
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बचत योजनों में बढ़ सकती हैं ब्याज दर
आरबीआई के रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की है. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि जब वित्त मंत्रालय 30 सितंबर 2022 को बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा करेगा तो संभावना है कि एनएससी(NSC), पीपीएफ(PPF) और सुकन्या समृद्धि योजनाओं( Sukanya Samridhi Yojna) जैसी बचत योजना पर मिलने वाली ब्याज दरों में इजाफा हो सकता है.
गवर्नमेंट सिक्युरिटीज (G-sec) या गवर्नमेंट बांड में निवेश सुरक्षित
गवर्नमेंट सिक्युरिटीज (G-sec) यानी गवर्नमेंट बांड में निवेश को सुरक्षित बताया जाता है. ऐसी इसलिए क्योंकि इसे सरकार द्वारा जारी किया जाता है. इसमें ब्याज दर भी अन्य बचत योजनों से अधिक मिलती है. इसलिए पीपीएफ योजना, सुकन्या समृद्धि योजनाओं और एनएससी में निवेश की सलाह दी जाती है.
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