आयकर भरते वक्त आपके मन में कई तरह के सवाल होते हैं ? कैसे ज्यादा से ज्यादा बचत कर सकते हैं ? कहां और कितना निवेश करने पर आयकर में छूट मिलती है ? क्या जो टैक्स के दायरे में नहीं आते उनके लिए आयकर भरना जरूरी है. इस संबंध में हमने सीए नवीन डोकानिया से विशेष बातचीत की है और इससे जुड़े हर अहम सवाल को समझने की कोशिश की है.
कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से ज्यादा है उन्हें कानूनी तौर पर आयकर भरना चाहिए. कंपनी और बड़ी संस्थाओं को भी रिटर्न फाइल करना जरूरी है. आयकर भरने की आखिरी तारीख 31 मार्च होती है लेकिन कई मामलों में तारीख बढ़ती है.
इस बार आयकर के लिए नया पोर्टल लांच हुआ है. वह ठीक से नहीं काम कर रहा है इसलिए तारीख आगे बढ़ रही है. कोरोना भी एक बड़ा कारण है कि इसकी तारीख बढ़ रही है. अब 31 दिसंबर तक बगैर किसी जुर्माने के लोग आयकर भर सकते हैं.
किसी भी नियम के साथ नियम ना मानने पर क्या प्रावधान होगी इसका भी जिक्र होता है. अगर आप तय वक्त के बाद आयकर भर रहे हैं तो आपको कितना जुर्माना लगेगा यह आपकी आय और तय वक्त से कितना समय चला गया इस पर चर्चा होती है. यह एक हजार से पांच हजार तक भी हो सकता है.
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आपको आयकर भरने से पहले आपकी आय और पूरी जानकारी होनी चाहिए. आपका टीडीएस कितना कटा है, यह कैसे क्लेम करेंगे इन सब बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर ठीक से आय नहीं गिन सके तो आपको नोटिस आ सकता है.
अगर रिटर्न भरने में किसी भी तरह की परेशानी हुई है, आपने कोई गलती की है या कोई जानकारी रह गयी है, तो नोटिस आ सकता है. आयकर विभाग के पास भी आपके आय से जुड़ी जानकारियां रहती है.
ऐसे में अगर आपसे कुछ रह जाता है या आप कुछ छिपाने की कोशिश करते हैं, तो आपको नोटिस आ सकता है. अगर आप नोटिस का जवाब देने में सक्षम है तो ऑनलाइन जाकर दे सकते है. अगर नहीं हैं, तो आपको एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए.
सरकार को नुकसान नहीं हुआ क्योंकि आज नहीं तो कल सरकार के पास यह पैसा तो पहुंचना ही है. पोर्टल में कई खामियां है, रिटर्न फाइल करने में परेशानी हो रही है. कई लोग नोटिस का जवाब भी नहीं भेज पा रहे है. कई लोग, संस्थाएं टैक्स समय पर देती है. सरकार के पास ज्यादा पैसा एडवांस टैक्स के रूप में आता है.
कुल मिलाकर आठ प्रकार के फॉर्म होते हैं. यह आठ प्रकार के इसलिए होते हैं क्योंकि यह अलग- अलग आय के आधार पर है. ट्रस्ट, व्यक्तिगत, कंपनी, संस्थाओं के लिए अलग – अलग होता है.
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टैक्स में डेढ़ लाख रुपये तक का छूट मिलता है. यह सेक्शन 80 सी के तहत मिलता है. 80 सीसीडी के तहत 50 हजार. 25 हजार 80 डी में , 10 हजार 80 टीटीए में इसमें लाइफ इश्योरेंस है, फिक्सड डिपोजिट, टैक्स सेविंग म्यूच्युअल फंड , पीपीएफ , बच्चों के स्कूल के फीस इस तरह के कई निवेश और खर्च पर आपको राहत मिल सकती है. इस तरह आप अपने टैक्स में बचत कर सकते हैं.
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