Pradhan Mantri Awas Yojana Urban : देश में आर्थिक तौर पर गरीब लोगों को आवास मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) (Pradhan Mantri Awas Yojana Urban) की शुरुआत की गई थी, ताकि उनके सिर पर भी एक अदद छत हो. लेकिन, अब शहरी क्षेत्रों में इन मकानों की कीमतों में उछाल आ गया है.
मीडिया की खबरों के अनुसार, औद्योगिक नगरी मुंबई से सटे वसई-विरार में महाराष्ट्र की उद्धव सरकार की ओर से मंजूरी मिलने के बाद यहां की महानगर पालिका ने घरों के दाम में करीब 52 फीसदी इजाफा कर दिया है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राजावाड़ी गांव में 44,276 घर बनाए जाने हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए हैं. अब इन घरों की कीमत 14 लाख रुपये से बढ़ाकर 22 लाख रुपये कर दी गई है.
कब शुरू हुई पीएम आवास योजना?
देश में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आवास मुहैया कराने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत थी. इसमें लक्ष्य यह तय किया गया है कि साल 2022 तक सभी शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को पक्के घर मुहैया कराए जाएंगे. इसके पहले राज्य में भाजपा सरकार ने साल 2022 तक महाराष्ट्र में 19 लाख घर बनाए जाने की घोषणा की थी.
दो नवंबर को मॉनेटरिंग कमेटी के पास भेजा गया था प्रस्ताव
मुंबई मिरर में छपी खबर के मुताबिक, पिछले महीने 2 नवंबर को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले घरों के दाम बढ़ाने का यह प्रस्ताव राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित मॉनेटरिंग कमेटी के पास भेजा गया था. प्रस्ताव के मुताबिक, घरों के दाम रेडी रेकनर के हिसाब 14.79 लाख रुपये थी, जो प्रति घर के हिसाब से बढ़कर 22.50 लाख करने का प्रस्ताव आया. इस तरह से प्रस्ताव में घरों के दाम में 52.03 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की गई थी.
प्राइसिंग कमेटी ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले इन घरों की कीमतों में इजाफा करने वाले इस प्रस्ताव को मॉनेटरिंग कमेटी की ओर से प्राइसिंग कमेटी के पास भेजा गया, जिसे उसने मंजूरी दे दी. अब मंजूरी लेने के लिए उस प्रस्ताव के केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है.
क्या है म्हाडा के सीईओ का तर्क?
खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की भूमिका पानी का कनेक्शन और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं डेवलपर को मुहैया कराना है. इस मामले में मुंबई मिरर की ओर से जब म्हाडा के सीईओ अनिल दिग्गीकर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने किसी भी तरह के रिजर्वेशन या कैप की बात को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि दाम बढ़ाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई रिजर्वेशन नहीं है. मुंबई में जमीन के दाम बढ़ गए हैं. लिहाजा, प्राइसिंग कमेटी ने घरों के बढ़ाए गए दाम के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
44.2 हजार घर पीएम आवास के लाभार्थियों को मिलेंगे
परियोजना के प्रस्ताव के अनुसार, फिलहाल, कुल 76,257 घर बनाए जाने हैं, जिसमें 62,248 घर आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए होंगे. इमसें से करीब 44,276 घर प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के लिए होंगे, जबकि 18,152 घर फ्री सेल के लिए होंगे. निम्न आय वर्ग के लिए बनाए गए घरों में से 13,829 घर फ्री सेल के लिए होंगे. यानी इन घरों को बिल्डर अपने भाव पर दूसरों को बेच सकता है. इस पूरी परियोजना की लागत 9,962 करोड़ रुपये है, जिसमें 664 करोड़ केंद्र सरकार देगी और 442 करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी. बाकी के 8,855 करोड़ रुपये लाभार्थियों को चुकाने होंगे.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जाने वाले इन घरों के बिना किसी उचित कारण के कीमत बढ़ाए जाने पर सवाल उठाते हुए प्रसिद्ध आर्टिटेक्ट और हाउसिंग एक्सपर्ट चंद्रशेखर प्रभु से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार कीमत बढ़ाने का फैसला लेकर योजना के मूल उद्देश्य ही भटक गई है.
Posted By : Vishwat Sen
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