आगे भी जारी रहेगी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू- मिलता रहेगा लाभ
संसद में आज बजट सत्र शुरू हो गया है. इस सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण भी हुआ. इस दौरान राष्ट्रपति ने सरकार द्वारा उठाये गए कई कदमों की तारीफ की और उनके बारे में खुल कर बात की. राष्ट्रपति मुर्मू ने सत्र के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के बारे में भी बात की.
PMGKAY: गरीबों को मिलता रहेगा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ. सदन की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगे भी जारी रखने का फैसला किया है. यानी आगे भी गरीबों को मुफ्त अनाज योजना का लाभ मिलता रहेगा.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त मिलेगा राशन
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत केंद्र ने कोरोना काल के दौरान की थी. इस योजना के तहत लाभुकों को फ्री में अनाज देने का प्रावधान था. सरकार ने इस योजना पर रोक लगा दिया था लेकिन अब इसे फिर से जारी रखने की बात कर रही है. जानकारी के लिए बता दें अब राशन कार्ड धारकों को हर महीने सरकार की ओर से दिया जाने वाला राशन मुफ्त में मिलेगा. सरकार आने वाले एक साल तक प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (चावल और गेंहू) सभी लाभुकों को मुफ्त में मुहैय्या कराएगी. यह मुफ्त अनाज वितरण योजना अब दिसंबर 2023 तक जारी रहेगी. जनवरी के महीने से इस योजना को दोबारा लागू कर दिया गया है.
80 करोड़ गरीबों को मिलेगा फायदा
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 80 करोड़ गरीब नागरिकों को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त में प्रदान किया जाएगा. इस बात की घोषणा हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जी के द्वारा 30 जून 2020 को की गई थी. यह निर्णय कोरोना वायरस लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए लिया गया था. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से देश के गरीब नागरिकों को राशन प्रदान किया गया है. इस योजना को सरकार ने नवंबर 2020 तक बढ़ा दिया था. इस योजना के माध्यम से देश के 80 करोड़ गरीब नागरिकों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल बिल्कुल मुफ्त प्रदान किए गए हैं. अब इस योजना को सरकार ने दिसंबर 2023 के बढ़ा दिया है.
2 लाख करोड़ रुपये होंगे खर्च
गरीबों के ऊपर से वित्तीय बोझ को कम करने के लिए केंद्र सरकार NFSA और दूसरे अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की बात कही है.
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