राष्ट्रपति का अभिभाषण : आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज करेगा Budget, उठाए जाएंगे कई ऐतिहासिक कदम

Budget: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि अब सरकार भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास कर रही है. इस लक्ष्य की प्राप्ति से विकसित भारत की बुनियाद भी मजबूत होगी.

By KumarVishwat Sen | June 27, 2024 5:25 PM
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Budget: संसद सत्र के चौथे दिन गुरुवार 27 जून 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में पूर्ण बजट को सुधारों की रफ्तार तेज करने वाला बजट बताया है. उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का पहला बजट कई ऐतिहासिक कदम उठाने के साथ-साथ आर्थिक सुधारों की गति को तेज करेगा और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार की दूरगामी नीतियों तथा भविष्योन्मुख दृष्टिकोण की रूपरेखा पेश करेगा.

बजट में सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाने की उम्मीद

केंद्र की मोदी 3.0 सरकार जुलाई 2024 के आखिर सप्ताह में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेगी. इसमें कराधान और नीतियों के साथ-साथ निकट अवधि के लिए सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाए जाने को प्राथमिकता दिये जाने की उम्मीद है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा में पहली बार लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए एनडीए सरकार की आर्थिक सोच को रखा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दशक की उपलब्धियों का उल्लेख किया.

दूरगामी नीतियों का दस्तावेज होगा बजट

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में आगे कहा कि स्पष्ट बहुमत वाली एक स्थिर सरकार का मतलब है कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का काम निर्बाध रूप से जारी रहे और देश अपने लक्ष्यों को प्राप्त करे. उन्होंने कहा कि यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्योन्मुख दृष्टिकोण का एक प्रभावी दस्तावेज होगा. उन्होंने कहा कि बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे. तेजी से विकास के लिए भारत के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप सुधारों की गति को और तेज किया जाएगा.

2021 से 2024 तक आठ फीसदी रही सालाना औसत वृद्धि दर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ‘सुधार, प्रदर्शन और बदलाव’ के संकल्प ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया है. देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो एक समय 11वें स्थान पर था. देश की सालाना वृद्धि दर 2021 से 2024 तक औसतन आठ फीसदी रही. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के बीच और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जारी संघर्षों के बावजूद भारत ने यह वृद्धि दर हासिल की है. यह राष्ट्र हित में पिछले 10 वर्षों में किये गये सुधारों और प्रमुख फैसलों के कारण संभव हुआ है. भारत अकेले वैश्विक वृद्धि में 15 फीसदी का योगदान दे रहा है.

भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की तैयारी में सरकार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि अब सरकार भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास कर रही है. इस लक्ष्य की प्राप्ति से विकसित भारत की बुनियाद भी मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि देश में कई दशकों तक अस्थिर शासन के दौर में कई सरकारें चाहकर भी न तो सुधारों को आगे बढ़ा सकीं और न ही महत्वपूर्ण निर्णय ले पाईं. भारत के लोगों ने अब अपने निर्णायक जनादेश से इस स्थिति को बदल दिया है.

10 साल में किए गए सुधारों का लाभ उठा देश

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में ऐसे कई सुधार हुए हैं, जिनका आज देश को बहुत लाभ हो रहा है. जब ये सुधार किए जा रहे थे, तब भी इनका विरोध किया गया और नकारात्मकता फैलाने की कोशिश की गई. लेकिन, ये सभी सुधार कसौटी पर खरे उतरे हैं. सुधारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के बैंक क्षेत्र को बचाने के लिए सरकार ने बैंकों में सुधार किये और दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता जैसे कानून बनाए. इसने देश के बैंक क्षेत्र को दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग क्षेत्रों में से एक बना दिया है.

देश के सार्वजनिक क्षेत्र बैंक मजबूत

उन्होंने कहा कि हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आज मजबूत और लाभ की स्थिति में हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा 2023-24 में 1.4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 फीसदी अधिक है. बैंकों की मजबूती उन्हें अपने कर्ज आधार का विस्तार करने में सक्षम बनाती है और देश के आर्थिक विकास में योगदान देती हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) भी लगातार कम हो रहा है.

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विनिर्माण, सेवा और कृषि को समान महत्व दे रही सरकार

उन्होंने सरकार की प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था के सभी तीन स्तंभों (विनिर्माण, सेवा और कृषि) को समान महत्व दे रही है. उन्होंने कहा कि पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ उभरते क्षेत्रों को भी मिशन मोड में बढ़ावा दिया जा रहा है. चाहे वह सेमीकंडक्टर हो या सौर, चाहे वह इलेक्ट्रिक वाहन हो या इलेक्ट्रॉनिक सामान, चाहे वह हरित हाइड्रोजन हो या बैटरी, भारत इन सभी क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार लॉजिस्टिक की लागत कम करने के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है. यह सेवा क्षेत्र को भी मजबूत कर रहा है.
पीटीआई इनपुट

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