फेस्टिवल सीजन चल रहा है. कुछ दिनों के बाद दिवाली आ जाएगी और कुछ समय से प्याज (Onion prices), दाल(pulses prices) और आलू के भाव (potato prices) में खासकर ज्यादा तेजी नजर आ रही है. इनके दाम के साथ-साथ सरसो के तेल (Mustard Oil, Sarso Tel) की कीमत भी लोगों को रुला रही है. इस ओर सरकार का भी ध्यान गया है और इनकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं. फिलहाल प्याज की कीमत की बात करें तो ये 70 रुपये के आस-पास है. यदि आपको याद हो तो, सरकार ने प्याज की कीमत पर लगाम लगाने के लिए सितंबर में ही इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी.
उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के प्रयास के तहत निजी व्यापारी पहले ही 7,000 टन प्याज का आयात कर चुके हैं जबकि 25,000 टन दिवाली से पहले आने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि निजी व्यापारी प्याज मिस्र, अफगानिस्तान और तुर्की जैसे देशों से मंगा रहे हैं. सहकारी एजेंसी नाफेड भी आयात करेगी. इसके अलावा स्थानीय आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को काबू में रखने के लिये भूटान से 30,000 टन आलू का आयात किया जा रहा है.
गोयल ने डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्याज का खुदरा मूल्य पिछले तीन दिनों से 65 रुपये किलो पर स्थिर है. सरकार ने बढ़ती कीमतों पर लागू लगाने के लिये कई कदम उठाये हैं. समय पर निर्यात पर पाबंदी लगायी और आयात के लिये पहल की गयी. उन्होंने कहा कि सरकार ने दिसंबर तक प्याज के आयात पर धूम्र-शोधन (फ्यूमिगेशन) की शर्तों में ढील दी है. अबक 7,000 टन प्याज निजी व्यापारियों ने आयात किये हैं. इसके अलावा 25,000 टन प्याज दिवाली से पहले आने की उम्मीद है.
आलू की कीमत : आलू के मामले में गोयल ने कहा कि सब्जी की कीमत बढ़ रही है और अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 42 रुपये किलो पर पिछले तीनों दिनों से स्थिर बना हुआ है. हालांकि सरकार ने आलू के आयात के लिये कदम उठाये हैं. करीब 30,000 टन आलू भूटान से अगले दो-तीन दिनों में आ जाएगा. हम करीब 10 लाख टन आलू का आयात कर रहे हैं और कीमतों को काबू में रखने के प्रबंध किए जा रहे हैं.
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सरसों तेल की कीमत : पिछले 4 से 5 दिन की बात करें तो सरसों के तेल की कीमत 8 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ चुकी हैं. यदि बीते एक साल के भाव पर नजर डालें तो सरसों का तेल 50 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो गया है. वर्तमान में सरसों तेल के दाम में कमी होगी ऐसा नजर नहीं आ रहा है. ब्लेंडिंग का खत्म होना, सरसो का इस साल कम उत्पादन होना और तेलों के लिए बनी विदेशी नीति में कुछ बदलाव होने के कारण इसकी कीमत में बढोतरी दिख रही है. 4 दिन पहले प्रति क्विंटल सरसों के दाम में 300 रुपये की तेजी आने के बाद तेल में फिर से उछाल आ चुका है और इसका सीधा असर आम आदमी पर पडा है.
भाषा इनपुट के साथ
Posred By : Amitabh Kumar
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