प्राइवेट कर्मचारियों को जल्द मिलेगी New Wage Code की सौगात, अब सप्ताह में 4 दिन काम, 3 दिन आराम !

सरकार प्राइवेट कर्मचारियों के लिए जल्द नए लेबर कोड को लागू कर सकती है. नये कोड के अनुसार प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को अब सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा. यानी सप्ताह में अब 5 दिन की जगह 4 दिन ही काम करना होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2022 12:21 PM

केंद्र सरकार नौकरीपेशा लोगों के लिए जल्द नया लेबर कोड लागू करने जा रही है. हालांकि सरकार की तरफ से अब तक कोई निर्धारित तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से एक साथ नए लेबर कोड लागू करने को भी कहा है, जिससे प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों को फायदा मिल सके. लेकिन किसी राज्य सरकार ने अब तक अपनी तरफ से ड्राफ्ट फाइल नहीं किया है.

4 दिन काम तीन दिन आराम

नये कोड के अनुसार प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को अब सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा. यानी सप्ताह में अब 5 दिन की जगह 4 दिन ही काम करना होगा. इसके साथ ही इस कोड के लागू होने से कर्मचारियों को टेक होम सैलरी यानी इन हैंड सैलरी में भी कटौती होगी. नए नियम के अनुसार सरकार किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी टोटल सैलरी का 50 फीसदी या उससे अधिक करने की योजना है. बता दें कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी अधिक होगी, तो पीएफ का रकम बढ़ जाएगा. इस नियम की माने तो कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय बड़ी रकम हांथ में मिलेगी. इससे उनका भविष्य सुरक्षित रहे.

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नए लेबर कानून में लंबी छुट्टी का प्रावधान

सरकार ने छुट्टीयों को लेकर भी बदलाव करने पर विचार किया है. पहले प्राइवेट कंपनियों में किसी कर्मचारी को काम करने के लिए 240 दिन काम करना होता था. लेकिन नए लेबर कोड में 180 दिन यानी 6 महीना काम करने के बाद लंबी छुट्टी का प्रावधान है. इसके इतर, कर्मचारियों को अब अपनी मेहनताना के लिए ज्यादा भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि नये लेबर वेज के अनुसार कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने, बर्खास्तगी, छंटनी और इस्तीफा देने से दो दिन पूर्व उनकी मेहनताना यानी सैलरी का पूरा भुगतान करना होगा.

2 साल से नए लेबर कोड का इंतजार

बताते चले कि मोदी सरकार नए लेबर कोड को 2 साल पहले लागू करना चाहती थी. लेकिन आम सहमति नहीं बन पाने के कारण सरकार ने इसपर फैसला नहीं किया है. वहीं, नए लेबर कोड के ड्राफ्टस में भी कुछ बदलाव किए जा रहे हैं, जिस कारण देरी हो रही है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो सरकार ने इसे जल्द लागू कर सकती है.

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