मार्च तक हो जायेगा भारत पेट्रोलियम का निजीकरण, बोले मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने कहा कि अब तक एयर इंडिया के लिए दो बिडर सामने आये हैं. दोनों बिडर काफी गंभीर हैं.
नयी दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन (Krishnamurthy Subramanian) ने कहा है कि मार्च 2022 तक भारत पेट्रोलियम के निजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ की प्रक्रिया भी इसी दौरान पूरी हो जायेगी. उन्होंने कहा है कि सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण की बात एडवांस स्टेज में है.
कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने मनीकंट्रोल को दिये एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ये बातें कहीं. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि अब तक एयर इंडिया के लिए दो बिडर सामने आये हैं. दोनों बिडर काफी गंभीर हैं. इसको देखते हुए हमारा मानना है कि चीजें सही दिशा में चल रही हैं और जल्द ही एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो सकती है.
कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) का निजीकरण और भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी (LIC) का आईपीओ इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कार्यरूप ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस काम में अभी वक्त लगेगा, क्योंकि बहुत से काम अभी बाकी हैं.
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि जब आप इस साल होने वाले विनिवेश की बात करते हैं, तो हमारे सामने तीन अहम नाम हैं. भारत पेट्रोलियम, एयर इंडिया और LIC का आईपीओ. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से तय विनिवेश लक्ष्य की बात करें, तो हमने 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य बजट में तय किया था. उम्मीद है कि हम ये लक्ष्य हासिल कर लेंगे.
इन कंपनियों के निजीकरण पर फोकस
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में संसद में पेश किये गये आम बजट में सरकार ने विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. इसमें से अधिकांश हिस्सा निजीकरण और LIC के आईपीओ से आना है. इसलिए सरकार भारत पेट्रोलियम कंटेनर कॉर्पोरेशन, शिपिंग कॉर्पोरेशन, एयर इंडिया और पवन हंस जैसी कंपनियों के निजीकरण पर फोकस कर रही है.
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मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने आगे कहा कि अभी इस बात का आकालन नहीं किया या है कि सरकार के एसेट मोनेटाइजेशन प्रोग्राम से कितना पैसा मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया से मिलने वाला पैसा सरकारी कंपनियों के पास ही जायेगा. सरकार डिविडेंड के जरिये इसमें से अपना हिस्सा हासिल करेगी.
Posted By: Mithilesh Jha
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