निजी क्षेत्र के हाथों में होगा 109 रूटों की यात्री ट्रेनों का परिचालन, 30,000 करोड़ का होगा निवेश
Privatisation in Railways, Modi government , proposal for operation of 109 pairs private train : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने रेलवे में निजीकरण की ओर पहला कदम बड़ा लिया है. सरकार ने 109 से अधिक मार्गों पर प्राइवेट ट्रेन चलाने को लेकर प्रपोजल मांगा है. रेलवे ने बताया, यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही के लिहाज से 109 से अधिक मार्गों पर परिचालन के लिए निजी निवेश के वास्ते पात्रता अनुरोध आमंत्रित किए गए.
नयी दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने रेलवे में निजीकरण की ओर पहला कदम बड़ा लिया है. सरकार ने 109 से अधिक मार्गों पर प्राइवेट ट्रेन चलाने को लेकर प्रपोजल मांगा है. रेलवे ने बताया, यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही के लिहाज से 109 से अधिक मार्गों पर परिचालन के लिए निजी निवेश के वास्ते पात्रता अनुरोध आमंत्रित किए गए.
रेलवे ने बताया, सवारी रेलगाड़ियों के संचालन में निजी कंपनियों की भागदारी की परियोजना में निजी क्षेत्र की ओर से करीब 30,000 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी.
रेलवे ने रखी शर्तें
रेलवे ने निजीकरण को लेकर कई शर्तें भी रखी हैं. जिसमें यह साफ कर दिया गया है कि यात्री रेल परिचालन के लिए चुनी गई निजी कंपनियां ट्रेनों के वित्तपोषण, खरीद और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगी.
इसके अलावा यात्री रेल सेवाओं के लिए चुनी गई निजी कंपनियों को वास्तविक खपत के अनुसार निर्धारित ढुलाई शुल्क तथा बिजली शुल्क अदा करना होगा. इसके अलावा रेलवे ने यह भी साफ कर दियाहै कि निजी कंपनियों द्वारा संचालित ट्रेनों के गार्ड और चालक भारतीय रेलवे से होंगे.
सेल ने रेलवे को आर-260 ग्रेड रेलों की आपूर्ति शुरू की
सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय इस्पात निगम लिमिटेड (सेल) ने रेलवे की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए आर-260 ग्रेड की विशेष वैनेडियम अलॉयड रेलों को तैयार किया है. कंपनी ने इसकी आपूर्ति भी शुरू कर दी है जिसकी पहली खेप 30 जून को भेजी गयी. सेल के निदेशक अनिर्बन दास गुप्ता ने एक बयान में कहा कि कंपनी के भिलाई संयंत्र में इन आर-260 ग्रेड की रेलों को तैयार किया गया है.
उन्होंने कहा, भारतीय रेलवे के कड़े तकनीकी मानकों और बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए भिलाई संयंत्र अपनी प्रक्रियाओं में जरूरी बदलाव कर लगातार नये मूल्यवर्द्धित उत्पादों के विकास में जुटा है.
यह वैनेडियम अलॉयड रेल ट्रेन की उच्च गति से पटरियों पर पड़ने वाले दबाव की सहन शक्ति बढ़ाएंगी. भारतीय रेलवे अधिक स्पीड और एक्सल लोड की रेल सेवा की ओर बढ़ रहा है. इसी के मद्देनजर सेल ने आर-260 ग्रेड की रेलों का सफलतापूर्वक उत्पादन शुरू किया है.
ये रेलें भारतीय रेलवे 550 मेगा पास्कल से अधिक की उच्च शक्ति के साथ न केवल कठिन बल्कि और अधिक दबाव वाली रेल यातायात को सहन करने में सक्षम होगी बल्कि और अधिक टिकाऊ भी बनकर उभरेगी. सेल भारतीय रेलवे को इस रेल की आपूर्ति 260 मीटर लंबे वेल्डेड पैनल के रूप में कर रही है. इसे भारतीय रेल के शोध एवं विकास प्रखंड (आरडीएसओ) के दिशानिर्देशों के अनुरूप तैयार किया गया है.
posted by – arbind kumar mishra
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