सरकार को देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) की नियंत्रक हिस्सेदारी की बिक्री के लिए तीन शुरुआती बोलियां मिली हैं. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बात की जानकारी दी है. खनन से लेकर तेल क्षेत्र में कार्यरत वेदांता ने 18 नवंबर को इस बात की पुष्टि की है कि उसने बीपीसीएल में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र (ईओआई) दिया है.
बीपीसीएल के लिए बोली लगाने वाली दो अन्य कंपनियों में वैश्विक कोष हैं. इनमें से एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है. प्रधान ने स्वराज्य पत्रिका द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत का मार्ग’ पर बुधवार को वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि दीपम ने हाल में बाजार को यह सूचना दी है. मुझे लगता है कि तीन पक्षों ने बोली प्रक्रिया के लिए ईओआई दिया है. हालांकि, उन्होंने इसका और ब्योरा नहीं दिया.
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इस रणनीतिक बिक्री का प्रबंधन कर रहे निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने 16 नवंबर को बोली की अंतिम तारीख के दिन ट्वीट किया, सौदे के सलाहकार ने सूचित किया है कि इस रणनीतिक बिक्री के लिए कई पक्षों ने रुचि दिखाई है. प्रधान ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ कंपनियों का निजीकरण करने की योजना बना रही है.
इससे इन कंपनियों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बेहतर होगी और उन्हें पेशेवर बनाया जा सकेगा. बीएसई में सूचीबद्ध वेदांता लि. और उसकी लंदन की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज द्वारा गठित विशेष इकाई (एसपीवी) ने 16 नवंबर को बोली की समयसीमा समाप्त होने से पहले अपना ईओआई जमा कराया है.
Posted By : Amitabh Kumar
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