Property Demand in NCR MMR: एनसीआर (दिल्ली) और एमएमआर (मुंबई) में बड़ी कार की तरह अब सबको बड़े साइज का घर भी चाहिए. उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और संपत्ति सलाहकार एनारॉक के एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई है. सर्वे के मुताबिक, एनसीआर और एमएमआर में बड़े साइज के घरों की मांग बढ़ी है.
सर्वे में शामिल 42 प्रतिशत प्रतिभागियों ने 3बीएचके यानि तीन कमरों वाले घर, 40 प्रतिशत ने 2बीएचके यानि दो कमरों वाले घर, 12 प्रतिशत ने 1बीएचके यानि एक कमरे वाले घर और 6 प्रतिशत 3बीएचके से अधिक की जगह वाले घर की तलाश में हैं. इसमें यह भी पाया गया कि घर खरीदने के इच्छुक 58 प्रतिशत लोग उन संपत्तियों को खरीदना चाहते हैं, जिनकी कीमतें 45 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच है. वहीं, 36 प्रतिशत प्रतिभागी एक साल के भीतर तैयार होने वाले घरों को लेने की इच्छा जताई हैं.
एनारॉक ने बयान में कहा, इस सर्वेक्षण में कुल 4662 लोगों ने हिस्सा लिया. सर्वे में शामिल 96 प्रतिशत खरीदारों का मानना है कि होम लोन पर ब्याज दर और बढ़ने से घर खरीदने के फैसले पर असर पड़ेगा. होम लोन की ऊंची दर भविष्य में उनके घर खरीदने के निर्णय को प्रभावित करेगी. बताते चलें कि हाल ही में आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति में बाजार की उम्मीदों के विपरीत रेपो दर को अपरिवर्तित रखा. सर्वेक्षण के अनुसार, 80 प्रतिशत से अधिक घर खरीदारों के लिए होम लोन पर ब्याज के अलावा ऊंची कीमत एक महत्वपूर्ण कारक बनी हुई है.
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि लागत वृद्धि के बावजूद बड़े घरों की मांग कम नहीं हुई है. एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, होम लोन पर ब्याज दर बढ़ना समग्र मांग परिदृश्य का एक हिस्सा है. हाल ही में बड़े और छोटे दोनों स्तर की कंपनियों में हुई छंटनी संभवत: आगामी दो तिमाहियों में मांग को प्रभावित करेगी और आवास बाजार की वृद्धि को कुछ हद तक धीमा कर देगी. अनुज पुरी ने कहा, बाजार में मौजूदा उथल-पुथल के वित्त वर्ष 2024-25 तक खत्म हो जाने और बाजार में फिर से मांग बढ़ने की संभावना है. उन्होंने कहा कि आवास की मांग कुछ समय के लिए रुकेगी लेकिन कभी खत्म नहीं होगी.