पिता की संपत्ति को बेटे ने अपने पुत्रों के नाम कर दी, तो क्या बेटियां कर सकती हैं दावा? जानिए नियम

Property Law: पैतृक संपत्ति को लेकर स्पष्ट कानून हैं, जिसके मुताबिक तय है कि कौन किस संपत्ति में कितने का हकदार है. कानून के मुताबिक, कोई भी आपको आपके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकता.

By Samir Kumar | April 30, 2023 10:57 AM
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Property Law: पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद से जुड़ी खबरें अक्सर सामने आती रहती है. दरअसल, पारिवारिक विवाद में दादा-परदादा की संपत्ति एक बड़ी वजह होती है. हालांकि, इसको लेकर स्पष्ट कानून हैं, जिसके मुताबिक तय है कि कौन किस संपत्ति में कितने का हकदार है. कानून के मुताबिक, कोई भी आपको आपके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकता और अगर ऐसा होता है तो आप कानून का रास्ता अपनाकर अपना हक वापस पा सकते हैं.

पिता की संपत्ति में बेटियां दावा कर सकती हैं?

कानून के मुताबिक, पिता की संपत्ति में बेटियों का बेटों के बराबर अधिकार है. अगर पिता जिंदा हैं और उन्होंने अपनी स्वअर्जित संपत्ति को पोतों के नाम ट्रांसफर किया है, तब बेटियों का इस पर कोई दावा नहीं बनता. लेकिन, अगर पिता की मौत हो चुकी है और संपत्ति का ट्रांसफर वसीयत के जरिए हुई हो तब बेटी उस वसीयत को जायज वजहों के आधार पर कोर्ट में चुनौती दे सकती है. लेकिन, अगर पिता की मौत बिना वसीयत लिखे ही हुई हो तब मृतक की संपत्ति में बेटियों का समान अधिकार है और वो उस पर कोर्ट में दावा कर सकती हैं.

जानिए किस परिस्थिति में पत्नी प्रॉपर्टी के लिए नहीं लिख सकती वसीयत

मान लें कि A एक हिंदू पुरुष थे, जिनकी बिना वसीयत लिखे ही मौत हो गई और गिफ्ट डीड प्रॉपर्टी उनकी अपनी संपत्ति थी. ऐसे में पत्नी उस प्रॉपर्टी के लिए वसीयत नहीं लिख सकती. अगर, उनकी मौत बिना वसीयत लिखे हुई है तो हिंदू उत्तराधिकार कानून, 1956 के तहत क्लास वन के सभी उत्तराधिकारियों की संपत्ति में एक समान हिस्सेदारी होगी. क्लास 1 उत्तराधिकारी में पत्नी, बच्चे और मृतक की मां शामिल होंगी.

बिना वसीयत लिखे ही मौत हो जाए तो…

परिवार के मुखिया की मौत की स्थिति में फर्स्ट होल्डर के तौर पर आपके अधिकार सेकंड होल्डर यानि पत्नी को ट्रांसफर हो जाएंगे. विशेष्कर जहां आप दोनों जॉइंट होल्डर थे. यह टी-2 फॉर्म यानि ट्रांसमिशन रिक्वेस्ट फॉर्म भरकर और फर्स्ट होल्डर के नोटराइज्ड डेथ सर्टिफिकेट के साथ जमा करने पर हो जाएगा. आपकी मौत के बाद आपकी बेटी को अगर अपने नाम शेयर/म्यूचुअल फंड ट्रांसफर कराना है तो उसे सक्सेजन सर्टिफिकेट (उत्तराधिकार प्रमाण पत्र) जमा कराना होगा.

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