Railway : आम budget आने के बाद बुधवार 24 जुलाई को रेल भवन मे केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मे बताया कि स्वचालित (automated) ट्रेन सुरक्षा प्रणाली “कवच” के नवीनतम संस्करण को आरडीएसओ ने मंजूरी दे दी है. उन्होंने यह बताया कि इस तकनीक का क्रियान्वयन जल्द ही शुरू हो जाएगा. इस तकनीक से भविष्य मे होने वाली रेल दुर्घटनाओं को रोकने मे सहायता मिलेगी. वैष्णव ने रेलवे नेटवर्क की जटिलता पर जोर दिया और बताया कि कवच 4.0 को देश भर में विभिन्न परिदृश्यों को संभालने के लिए तैयार किया गया है. अब जब कवच 4.0 को हरी झंडी मिल गई है, तो रोलआउट प्रक्रिया जल्दी शुरू होने की उम्मीद है.
फरवरी से चल रही है टेस्टिंग
कवच नामक इस टेक में पाँच भाग शामिल हैं: फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाना, टेलीकॉम टावर लगाना, स्टेशनों पर उपकरण लगाना, ट्रेनों में उपकरण लगाना और पटरियों के किनारे उपकरण लगाना. रेल मंत्री ने पूरे रेलवे नेटवर्क इंटीग्रेशन के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा नहीं बताई पर कहा कि इस काम को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी. कॉन्फ्रेंस मे यह भी बताया गया कहा कि डिजाइन को फाइनलाइज्ड करने से पहले लॉन्च करना दिक्कत से सकता है. फरवरी में, कवच का उपयोग दक्षिण मध्य रेलवे पर 1,465 रूट किमी और 139 इंजनों पर किया गया था. अभी दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्गों के लिए कवच कॉन्ट्रैक्ट दिए गए हैं.
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Made in India है कवच 4.0
कवच भारत मे बना एक हाई-टेक घरेलू एटीपी सिस्टम है. यह टेक्नोलॉजी ट्रेन को सही गति पर रखने, पायलट के न रुकने पर ट्रेन को रोकने और खराब मौसम में सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करके लोको पायलट की मदद करता है. कवच को उच्चतम सुरक्षा स्तर SIL4 पर प्रमाणित किया गया है, और यह ब्लॉक सेक्शन और स्टेशनों में ट्रेन टकराव को रोकने में मदद करता है.
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