नयी दिल्ली : कपूरथला स्थित भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाई ‘रेलवे कोच फैक्टरी’ ने भारतीय रेल के पहले लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) एसी थ्री टियर इकॉनोमी क्लास कोच की शुरुआत की है. इसका परीक्षण भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी साझा की. एलएचबी एसी थ्री-टियर कोच के इस इकॉनोमी क्लास के वेरिएंट में यात्रियों की सुविधाओं का खास ख्याल रखा गया है.
नये एलएचबी इकोनॉमी क्लास के कोच को आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद एलएचबी कोच के साथ चलनेवाली सभी मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों में शामिल किये जायेंगे. हालांकि, इन कोचों को राजधानी, शताब्दी और दुरंतो और जन शताब्दी आदि विशेष ट्रेनों में ये कोच नहीं लगाये जायेंगे.
यात्री डेक पर विद्युत पैनल के लिए कम जगह का इस्तेमाल किया गया है. इससे यात्री को उपयोग के लिए अतिरिक्त जगह मिलेगी. वहीं, यात्री की क्षमता में बढ़ोतरी की गयी है. अब एक कोच में 83 बर्थ होगा.
दिव्यांगजन के लिए व्हीलचेयर के उपयोग के साथ सक्षम प्रवेश द्वार होगा. कोच और व्हीलचेयर की पहुंच के साथ दिव्यांगजनों के अनुकूल शौचालय होगा. सुगम्य भारत अभियान के मानदंडों का अनुपालन किया गया है.
सभी बर्थ के लिए एसी डक्टिंग में अलग-अलग जालीदार-द्वार (वेंट) की सुविधा होगी. आराम, कम वजन और बेहतर रख-रखाव के लिए सीट और बर्थ के मॉड्यूलर डिजाइन का उपयोग किया गया है.
लंबवत और अनुप्रस्थ दिशा में मुड़नेवाली स्नैक टेबलों से यात्री-सुविधा में वृद्धि होगी. इससे चोट लगने की संभावना कमी होगी. पानी की बोतल, मोबाइल फोन और पत्रिका रखने के लिए होल्डर दिये गये हैं.
प्रत्येक बर्थ के लिए अलग-अलग रीडिंग लाइट और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट के साथ-साथ मध्य और ऊपरी बर्थ तक पहुंचने के लिए सीढ़ी को सुविधजनक और बेहतर डिजाइन के साथ तैयार किया गया है.
मध्य और ऊपरी बर्थ की ऊंचाई में वृद्धि की गयी है, इससे अतिरिक्त जगह मिलेगी. भारतीय और पाश्चात्य शैली के शौचालयों की बेहतर डिजाइन का उपयोग किया गया है. आरामदायक और सुंदर प्रवेश द्वार के साथ गलियारे में लाइट मार्कर दिये गये हैं.
बर्थ का संकेत देने के लिए लाइट है, जिसे नाईट लाइट से जोड़ा गया है तथा रोशनीयुक्त बर्थ संख्या संकेतक दिये गये हैं. अग्नि सुरक्षा मानकों के संदर्भ में विश्व बेंचमार्क का अनुपालन करते हुए ईएन 45545-2 एचएल 3 सामग्री का उपयोग किया गया है.
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