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प्राइवेट ट्रेन को रहना होगा समय का पाबंद नहीं तो भरना पड़ेगा भारी जुर्माना

आने वाले साल में प्राइवेट ट्रेन भी पटरियों पर दौड़ने लगेगी. इनमें सुविधाएं तो ज्यादा होंगी ही साथ ही ट्रेन नियत समय पर चले इसकी भी तैयारी जोरों पर हैं. रेल मंत्री पियूष गोयल प्राइवेट ट्रेन के लिए कड़े नियम बना रहे हैं अगर प्राइवेट ट्रेन चलाने वाली कंपनियां इसे तोड़ती हैं तो इन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा.

नयी दिल्ली : आने वाले साल में प्राइवेट ट्रेन भी पटरियों पर दौड़ने लगेगी. इनमें सुविधाएं तो ज्यादा होंगी ही साथ ही ट्रेन नियत समय पर चले इसकी भी तैयारी जोरों पर हैं. रेल मंत्री पियूष गोयल प्राइवेट ट्रेन के लिए कड़े नियम बना रहे हैं अगर प्राइवेट ट्रेन चलाने वाली कंपनियां इसे तोड़ती हैं तो इन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा.

अगर ट्रेन समय पर नहीं पहुंची तो प्राइवेट ट्रेन चलाने वाली कंपनियों को हर्जाना भरना पड़ेगा. अगर प्राइवेट ट्रेन चलाने वाली कंपनियां इस भारी हर्जाने से बचना चाहतीं हैं तो उन्हें एक साल में 95 फीसद समय का पाबंद रहना पड़ेगा. आई रिपोर्ट के अनुसार प्राइवेट ट्रेन का परिचान करके सरकार यात्रियों को सुविधाएं तो देगी लेकिन सरकार का लक्ष्य इस मॉडल से आर्थिक स्थिति में सुधार लाना भी है. इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारी प्राइवेट ट्रेन के परिचान पर कड़ी नजर रखेंगे. इस काम के लिए अधिकारियों को विशेष तौर पर जिम्मेदारी दी जायेगी.

भारतीय रेल के यह अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखेंगे कि ट्रेन समय पर चल रही है या नहीं. कंपनी ने जो वादा किया था वह पूरा हो रहा है या नहीं, यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं. कंपनी कितना पैसा कमा रही है. अगर तय राजस्व से ज्यादा एक फीसद भी हुई तो प्राइवेट ट्रेन कंपनियो को उसका दस गुणा नुकसान भारतीय रेल को भरना पड़ेगा. 95 फीसद से अगर समय की पाबंदी 1 फीसद भी कम होती है तो इन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा.

तय मसौदे के अनुसार रेलगाड़ी को गंतव्य तक पहुंचने में 15 मिनट से ज्यादा की देरी होती है तो समयबद्धता में प्रति एक प्रतिशत कमी के लिए 200 किलोमीटर का अतिरिक्त ढुलाई शुल्क रेलवे को देना होगा. रेलवे ने कहा कि ढुलाई शुल्क 512 रुपए प्रति किलोमीटर है. यह वह शुल्क है जो निजी संचालक रेलवे की आधारभूत संरचना का इस्तेमाल करने के एवज में उसे देना होगा . इतना ही नहीं अगर रेलगाड़ी तय समय से पहले पहुंचती है तब भी उसे जुर्मान भरना पड़ेगा. प्राइवेट ट्रेन अगर 10 मिनट पहले गंतव्य पर पहुंचती है, तो संचालक को रेलवे को जुर्माने के तौर पर 10 किलोमीटर का ढुलाई शुल्क देना होगा.

अगर किसी भी कारण से ट्रेन अपने तय स्टेशन तक नहीं पहुंचती है तभी भी जुर्माना देना होगा. ट्रेन रद्द करन ेकी हालत में एक चौथाई ढुलाई शुल्क देगा. अगर रेलवे की तरफ से रेल सेवा रद की जाती है तो रेलवे संचालक को उतना ही शुल्क देगा. इस मसौदे में खास वजहों से देर होने पर जुर्माने से राहत भी दी गयी है जिसमें खराब मौसम, मवेशी का ट्रेन के नीचे आ जाना, किसी मनुष्य का रेलगाड़ी के नीचे आने, कानून व्यवस्था, सार्वजनिक प्रदर्शन, आपराधिक गतिविधि, दुर्घटना जैसे कारणों से अगर ट्रेन लेट होती है तो जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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