Rajasthan Budget 2023 : बोर्ड और निगम कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देगी गहलोत सरकार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल के बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की थी. गहलोत ने इसका विस्तार करते हुए अब राज्य सरकार के बोर्ड, निगम, अकादमियों और विश्वविद्यालयों के कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की घोषणा की है.
जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर दिया है. इस बजट में उन्होंने राजस्थान में बोर्ड और निगमों कर्मचारियों के लिए भी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल के बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की थी. गहलोत ने इसका विस्तार करते हुए अब राज्य सरकार के बोर्ड, निगम, अकादमियों और विश्वविद्यालयों के कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इससे एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा.
19,000 करोड़ रुपये के महंगाई राहत पैकेज का ऐलान
इसके साथ ही, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए अगले साल 19,000 करोड़ रुपये का महंगाई राहत पैकेज देने की घोषणा की है. इस पैकेज में गरीब परिवारों को हर माह नि:शुल्क फूड पैकेट, 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर तथा घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली शामिल है. इसके साथ ही, गहलोत ने जनता के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की अपनी महत्वाकांक्षी ‘चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ में कवर राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये सालाना करने की घोषणा की है.
एक करोड़ परिवारों को मुफ्त में राशन
उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आने वाले लगभग एक करोड़ परिवारों को आगामी वर्ष नि:शुल्क राशन के साथ प्रति माह नि:शुल्क मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेट दिए जाने की घोषणा करता हूं. इस पैकेट में एक-एक किलोग्राम दाल, चीनी एवं नमक और एक लीटर खाद्य तेल उपलब्ध कराया जाएगा. इस पर लगभग 3,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
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500 रुपये में एलपीजी
उन्होंने बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) एवं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में शामिल निम्न आय वर्ग के लगभग 76 लाख परिवारों को आगामी वर्ष से एलपीजी गैस 500 रुपए में उपलब्ध कराने की घोषणा की. इस पर 1,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. गहलोत ने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री नि:शुल्क योजना के तहत 100 यूनिट बिजली प्रति माह मुफ्त दी जाएगी. यह सीमा पहले 50 यूनिट थी. इससे प्रदेश के 1.19 करोड़ में से 1.04 करोड़ से अधिक परिवारों को घरेलू बिजली नि:शुल्क मिल सकेगी. इसके लिए 7,000 करोड़ रुपये का भार वहन करना होगा.
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