Rakesh Jhunjhunwala: शेयर मार्केट में भारत के वॉरेन बफेट कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का 14 अगस्त को 62 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. राकेश झुनझुनवाला निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय थे और उनके सफलता से प्रेरणा लेकर कई लोगों ने शेयर बाजार से पैसा कमाने की योजना भी बनाई. खास बात यह है कि राकेश झुनझुनवाला भी समय-समय पर निवेशकों को बाजार से पैसा बनाने के टिप्स के साथ ही जीवन में सफलता पाने का मंत्र भी बताते थे. उनका कहना था कि कामयाबी में सब्र और मेहनत का हाथ तो होता ही है.
बताते चलें कि राकेश झुनझुनवाला की खासियत उनका लंबे दौर का निवेश है. शेयर बाजार में 5000 रुपए लगाकर 1985 में उन्होंने जो सफर शुरू किया उसे लगभग पचास हजार करोड़ रुपए की संपत्ति तक पहुंचा चुके थे. शेयर मार्केट पर नजर रखनेवाली मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट के मुताबिक, जून के अंत तक राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो की कीमत 5.8 अरब डॉलर यानी लगभग छियालीस हजार करोड़ रुपए थी.
वॉरेन बफेट की ही तरह राकेश झुनझुनवाला कंपनियों के बारे में अच्छी स्टडी और जांच-पड़ताल करने के बाद ही उनमें निवेश करते थे. इसके अलावा, जहां वे अपना पैसा लगाते थे, भरपूर लगाते थे. टाटा टी तो उनका पहला इन्वेस्टमेंट था, लेकिन उसके बाद क्रिसिल और टाइटन जैसी कंपनियों में पैसा लगाकर राकेश ने न सिर्फ अपनी संपत्ति बढ़ाई, बल्कि पूरे देश के निवेशकों को मजबूर किया कि वो भी इन कंपनियों में छिपी क्षमता को देखें और इस कमाई में हिस्सा बनें. 2008, 2013 और फिर 2020 के मंदी के झटकों को भी राकेश और उन जैसे निवेशक झेल गए तो इसका कारण यही था कि उन्हें भारत के बाजार की ताकत पर बहुत जबर्दस्त भरोसा था. हालांकि, वो कभी भी निवशकों को सलाह देने की मुद्रा में बात नहीं करते थे. उनका कहना था कि यह मेरा काम नहीं है. लेकिन, उन्होंने करोड़ों लोगों को भारत के शेयर बाजार की तरफ खींचा और उन्हें यहां बने रहने का हौसला और भरोसा दिया. यही राकेश झुनझुनवाला का बड़ा योगदान माना जाता है.
बताया जा रहा है कि पहले भी बहुत से लोग राकेश झुनझुनवाला का पोर्टफोलियो देखकर उसकी नकल करने की कोशिश करते थे और आगे भी करते रहेंगे. लेकिन, इससे बेहतर तरीका है कि उनसे यह सीखा जाएं कि वो कंपनियों का चुनाव कैसे करते थे. उनके निवेश मंत्र क्या था और वो क्या नहीं करते थे. एक्सपर्ट की राय में राकेश झुनझुनवाला की तर्ज पर पैसा कमाने का तरीका सीखने की कोशिश करने वालों को उनसे समृद्धि के सदुपयोग का तरीका भी सीखना चाहिए. राकेश झुनझुनवाला एक दौर में शेयर बाजार में बिग बुल नहीं बिग बियर यानी मंदड़िए थे. उन्होंनें 1992 में हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा होने पर शॉर्ट सेलिंग के जरिए बड़ा मुनाफा कमाया था. 1990 के दशक में भारतीय शेयर बाजारों में कई प्रतिष्ठित कार्टेल थे. झुनझुनवाला ने 1985 में शेयर बाजार में कदम रखा था.
शेयर मार्केट किंग राकेश झुनझुनवाला ने एक बार एक कार्यक्रम में कहा था कि हर हार को मुस्कान के साथ स्वीकार करने वाला सफलता के शिखर पर निश्चित ही पहुंचता है. उन्होंने कहा था कि जब आपके पास पैसा आता है तो आप जिंदगी अपनी शर्तों पर आराम से जी सकते हैं. यह सब मेहनत का होता है, लेकिन कई दफा नुकसान भी होता है. उन्होंने कहा था कि गलती हो जाने के डर से कभी रुके नहीं. हालांकि, गलती करते वक्त इतनी गुंजाइश रखिए कि फिर से कोई गलती करने की जगह बची रहे. क्योंकि जिस दिन आप गलती करने से डर गए तो फैसला नहीं कर पाएंगे. झुनझुनवाला कहते थे कि सफलता को हमेशा विनम्रता से स्वीकार करना चाहिए. अपनी जड़ों को हमेशा पकड़कर रखिए. वे कहा करते थे कि गलतियां करके उनसे सीखकर वह गलती फिर नहीं करना, सफलता का सबसे अच्छा रास्ता है. राकेश झुनझुनवाला कहते थे कि सफलता के लिए आशावादी बने रहना चाहिए.
Also Read: Multiplex Popcorn Price: पीवीआर के चेयरमैन ने बताया, मल्टीप्लेक्स में पॉपकॉर्न इतना महंगा क्यों?
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.