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त्योहारी सीजन में ई- कॉमर्स को ऐसे टक्कर देंगे रांची के कारोबारी, तैयार है खाका

Jharkhand news, Ranchi news : कोराना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के बीच त्योहारी सीजन में फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (Federation of Jharkhand Chamber of Commerce and Industries) को अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने की उम्मीद है. इस दौरान सरकार सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी का हर हाल में पालन करने पर जोर दिया गया. वहीं, स्थानीय व्यापारियों को भी ऑनलाइन व्यापार की तर्ज पर अपने व्यापार को बढ़ाने पर जोर दिया गया.

Jharkhand news, Ranchi news : रांची : कोराना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के बीच त्योहारी सीजन में फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (Federation of Jharkhand Chamber of Commerce and Industries) को अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने की उम्मीद है. इस दौरान सरकार सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी का हर हाल में पालन करने पर जोर दिया गया. वहीं, स्थानीय व्यापारियों को भी ऑनलाइन व्यापार की तर्ज पर अपने व्यापार को बढ़ाने पर जोर दिया गया.

इस मसले पर रांची स्थित चैंबर भवन में क्षेत्र के रिटेलर, इलेक्ट्राॅनिक्स, काॅस्मेटिक्स, जूता-चप्पल, मोबाइल फोन, फर्नीचर, बर्तन सहित अन्य उत्पादों के व्यापार से जुड़े व्यापारियों के साथ बैठक चैंबर सदस्यों की बैठक हुई. बैठक में लाॅकडाउन की चुनौतियों से निपटने के बाद व्यापारी किस प्रकार अपने व्यापार को दोबारा पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं, इस पर व्यापक रूप से गहन चर्चा की गयी.

इस संबंध में व्यापारियों ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण बंद आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से पटरी पर लौट रही है. हालांकि, कोविड-19 का प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है जिस कारण लोग अभी घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं. बाजार में नकदी प्रवाह की समस्या भी बनी हुई है. लोग दुकानों में जाकर पर्चेस करने की बजाय ऑनलाइन ऑर्डर (Online order) करना पसंद कर रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को थोड़ी मुश्किल हो रही है.

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झारखंड चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि सरकार के करों में बढोतरी और कारों की बिक्री में बढोतरी के आंकड़ों ने त्योहारों के मौसम में आर्थिक दृष्टि से अच्छे संकेत दिये हैं. हालांकि, इन सेक्टर्स के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद कई सेक्टर्स अभी भी ऐसे हैं जो पटरी पर नहीं लौट सके हैं और मुश्किलों के दौर से गुजर रहे हैं. यह समस्या छोटे व्यापारियों के साथ अधिक है, क्योंकि एक बार यदि उनका व्यापार बंद हो जाता है, तो उसे दोबारा शुरू करने में कठिनाई होती है.

श्री अजमानी ने कहा कि अब हम त्योहार और शादी के सीजन की तरफ बढ रहे हैं, जिससे सडकों पर भीड़ एकत्रित होगी. ऐसे में दुकानदार अपनी दुकानों में सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन जरूर सुनिश्चित करें. ग्राहकों के बीच आॅनलाइन खरीदी करने की बढ़ती रुचि पर उन्होंने स्थानीय व्यापारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कोविड काल के उपरांत अभी टोटल डिमांड बेस्ड इकोनाॅमी (Total demand based economy) हो गयी है. ऐसे में स्थानीय व्यापारियों को भी ऑनलाइन व्यापार की तर्ज पर प्रतिस्पर्धा में आगे आने का प्रयास करना चाहिए.

उन्होंने लोगों से अपील की कि त्योहारिक सीजन में स्थानीय बाजार से ही अपनी जरूरत की सामान खरीदें, क्योंकि इन्हीं स्थानीय व्यापारियों ने कोविड काल के दौरान लोगों को अपनी निर्बाध सेवाएं दी हैं. अब स्थानीय दुकानदार भी ऑनलाइन की तरह बेस्ट डील (Best deals), ऑफर्स (Offers) और ग्राहकों को अच्छी से अच्छी सेवाएं (Best services to customers) दे रहे हैं जिससे ग्राहक स्थानीय दुकानदारों से सामान खरीदने के लिए आकर्षित हो रहे हैं.

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इलेक्ट्राॅनिक्स आईटम (Electronics items) के विक्रेता प्रकाश कमालिया ने कहा कि लाॅकडाउन के बाद अभी एक सप्ताह से बाजार में ग्राहकों का फ्लो दिख रहा है, लेकिन यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि आगे स्थिति क्या होगी. कोविड का डर अभी लोगों केे बीच अब भी बना हुआ है. मेरे पास रोज एक-दो फोन आते हैं कि माॅडल और कीमत वाॅटसएप में भेंज दें और सामान घर तक पहुंचवा दें. अभी ग्राहकों के बीच 32, 43 और 50 इंच के टीवी की मांग अधिक है, पर कंपनियों के पास भी माॅल के शाॅर्टेज है. दुकान में बिना मास्क के आनेवाले ग्राहकों को हम अपनी ओर से मास्क देते हैं. मास्क पहनने के बाद ही दुकान में प्रवेश की अनुमति देते हैं.

ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स मैनुफैक्टचरर एसोसिएशन, झारखंड (All India Mobile Retailers Manufacturer Association, Jharkhand) के अध्यक्ष रवि खेमका ने बताया कि कई मोबाइल विनिर्माण कंपनियों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ते हुए केवल ई-काॅमर्स (E-commerce) पर अपने उत्पादों को बेचने के लिए ऑनलाइन पोर्टल्स (Online portals) के साथ विशेष व्यवस्था करके भौतिक खुदरा विक्रेताओं को दरकिनार किया जा रहा है.

श्री खेमका ने कहा कि यह सरकार की एफडीआई नीति का स्पष्ट उल्लंघन है, जो प्रेस नोट नंबर 2 और 3 के तहत किसी भी ई-काॅमर्स मार्केटप्लेस को उनके संबंधित पोर्टल्स पर किसी भी विषेष व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन से रोकती है. मोबाइल संघ की शिकायत पर चैंबर अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्राचार कर कहा कि ब्रांडेड कंपनियों के साथ मिलकर ई-काॅमर्स पोर्टल बाजार को विकृत करने का प्रयास कर रहे हैं और विशेष रूप से मोबाइल क्षेत्र में एक असमान स्तर बना रहे हैं. उन्होंने इस मामले में शीघ्र कार्रवाई का आग्रह किया.

Posted By : Samir Ranjan.

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