जमशेदजी टाटा की जयंती पर रतन टाटा ने किया याद, जेआरडी टाटा को बताया गुरु
Jamsetji Tata, JRD Tata, Tata group, Ratan Tata : नयी दिल्ली : आज जमशेदजी टाटा की 183वीं जयंती है. टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा का पुरा नाम जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा है. उनका जन्म तीन मार्च 1839 को गुजरात में हुआ था. उनकी जयंती पर टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रह चुके रतन टाटा ने ट्वीट कर जमशेदजी टाटा को याद करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं. साथ ही जेआरटी टाटा के साथ की अपनी तस्वीर साझा की हैं.
नयी दिल्ली : आज जमशेदजी टाटा की 183वीं जयंती है. टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा का पुरा नाम जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा है. उनका जन्म तीन मार्च 1839 को गुजरात में हुआ था. उनकी जयंती पर टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रह चुके रतन टाटा ने ट्वीट कर जमशेदजी टाटा को याद करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं. साथ ही जेआरटी टाटा के साथ की अपनी तस्वीर साझा की हैं.
My best wishes to all the Tata group companies, the employees & their families on the birth anniversary of our founder, Mr. Jamsetji Tata, who has inspired us with his kindness over the years.
This founder’s day has special emotions for me, reminding me of my mentor Mr. JRD Tata pic.twitter.com/GUZCqj9ESk
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) March 3, 2021
उन्होंने कहा है कि ”सभी टाटा समूह की कंपनियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों को हमारे संस्थापक श्री जमशेदजी टाटा की जयंती पर हार्दिक शुभकामनाएं, जिन्होंने हमें वर्षों से अपनी दयालुता से प्रेरित किया है. इस संस्थापक दिवस की मेरे लिए विशेष भावनाएं हैं, मुझे मेरे गुरु श्री जेआरडी टाटा की याद दिलाती है.”
रतन टाटा का नाम देश के जाने-माने कारोबारी के रूप में की जाती है. उन्होंने जमशेदजी टाटा के स्थापित टाटा ग्रुप को उस ऊंचाई पर पहुंचाया, जहां पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं होती. कारोबार के क्षेत्र में उन्होंने अपार सफलताएं अर्जित की हैं. लेकिन, रतन टाटा और जमशेदजी टाटा के बीच खून का रिश्ता नहीं है.
रतन टाटा के पिता नवल टाटा को सर रतनजी टाटा और उनकी पत्नी नवजबाई सेठ ने गोद लिया था. रतन टाटा के बाल्यावस्था में ही उनके पिता नवल टाटा और उनकी मां दोनों अलग हो गये थे. रतन टाटा की स्कूली पढ़ाई मुंबई में हुई है. रतन टाटा हार्वर्ड बिजेनस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम की डिग्री हासिल करने के बाद 1962 में टाटा समूह से जुड़ गये.
करीब 29 साल बाद साल 1991 में जेआरडी टाटा के बाद रतन टाटा समूह के पांचवें अध्यक्ष बने. रतन टाटा जब टाटा समूह से जुड़े थे, तब समूह का कुल कारोबार करीब 10,000 करोड़ रुपये था. अब यह कारोबार 16 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है. कंपनी का राजस्व ही करीब पांच सौ करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है.
रतन टाटा ने आम आदमी की जरूरतों और सपनों को साकार करने के उद्देश्य से कर खरीदने का सपना साकार किया. एक लाख रुपये में आनेवाली नैनो कार लेकर बाजार में आये. रतन टाटा को देसी-विदेशी कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं. उन्हें पद्मभूषण और पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा नैसकॉम ग्लोबल लीडरशिप पुरस्कार भी मिल चुका है.
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