Tata Sons IPO: रतन टाटा के टाटा संस पर आईपीओ लाने का कौन बना रहा दबाव, कंपनी के लिए क्यों है जरूरी?

Tata Sons IPO: सपी ग्रुप ने नियामक लिस्टिंग से बचने के लिए बोर्ड के किसी भी प्रयास पर अपना विरोध दर्ज कराया. उसने जोर देकर कहा कि लिस्टिंग से ट्रस्टों सहित सभी शेयरधारकों के लिए प्राइस और लिक्विडिटी अनलॉक होगी, जबकि उन लाखों शेयरधारकों को लाभ होगा.

By KumarVishwat Sen | September 18, 2024 3:47 PM

Tata Sons IPO: देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के टाटा संस के आईपीओ का मामला उसका पीछा नहीं छोड़ रहा है. एक बार फिर बड़े शेयरहोल्डर इसके बड़े शेयरहोल्डर इस पर आईपीओ लाने का दबाव बना रहे हैं. खबर है कि सोमवार को कंपनी की वार्षिक आमसभा (एजीएम) में इसके शेयरधारक शापुर जी पलोन जी ने आईपीओ लाने की मांग की. साथ ही, इसने टाटा समूह को बढ़ाने के लिए टाटा संस के चेयरमैन की सराहना भी की.

एसपी ग्रुप ने टाटा संस के चेयरमैन के नेतृत्व की सराहना की.

सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, टाटा संस में 18% से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले शापुरजी पलोनजी (एसपी ग्रुप) ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व की सराहना की. टाटा संस का कर पूर्व लाभ 30,024 करोड़ रुपये से बढ़कर 39,813 करोड़ रुपये हो गया. एसपी ग्रुप ने कंपनी के लिए और अधिक वित्तीय लाभ हासिल करने के लिए टाटा संस की आईपीओ लिस्टिंग की भी वकालत की. दोनों कंपनियों के एक करीबी सूत्र ने बताया कि एसपी ग्रुप ने एजीएम में बताया कि लिस्टिंग से टाटा संस को अगले पांच वर्षों में 90 अरब डॉलर का निवेश प्राप्त करने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त पूंजी तक पहुंच मिलेगी.

टाटा संस को सितंबर 2025 तक लिस्ट होना जरूरी

टाटा संस को स्केल बेस्ड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क (एसबीआरएफ) के तहत सितंबर 2022 में एक अपर लेयर एनबीएफसी के रूप में वर्गीकृत किया गया था. इस आधार पर उसे सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में लिस्ट होना जरूरी है. हालांकि, टाटा संस की ओर से लिस्टिंग से बचने के प्रयास किए गए हैं. इसमें पंजीकरण प्रमाणपत्र के स्वैच्छिक समर्पण के लिए आरबीआई को उनका आवेदन भी शामिल है.

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55,000 करोड़ का आईपीओ ला सकता है टाटा संस

सूत्रों के अनुसार, एसपी ग्रुप ने नियामक लिस्टिंग से बचने के लिए बोर्ड के किसी भी प्रयास पर अपना विरोध दर्ज कराया. उसने जोर देकर कहा कि लिस्टिंग से ट्रस्टों सहित सभी शेयरधारकों के लिए प्राइस और लिक्विडिटी अनलॉक होगी, जबकि उन लाखों शेयरधारकों को लाभ होगा जिन्होंने कंपनी में धैर्यपूर्वक निवेश किया है. इस साल की शुरुआत में कोटक सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा संस आईपीओ के जरिए 55,000 करोड़ रुपये जुटा सकता है. बाजार विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि टाटा संस का आईपीओ इसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकता है. शेयरधारक जुड़ाव बढ़ा सकता है और कंपनी के लिए और विकास को बढ़ावा दे सकता है.

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