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राज्य से बाहर के राशन कार्डधारकों के लिए ‘मेरा राशन’ मोबाइल एप
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अपने राज्यों से दूर प्रवासी मजदूर जहां रह रहे हैं, वहीं पर उन्हें मिलेगा सस्ता राशन
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फिलहाल हिंदी और अंग्रेजी में है ऐप, जल्द ही 14 भारतीय भाषाओं में रहेगा उपलब्ध
One Nation One Ration Card : केंद्र सरकार ने ‘मेरा राशन’ नाम से एक ऐप लॉन्च (mera ration app) करने का काम किया है. इस ऐप का उद्देश्य देश में प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (ration for migrant workers) के तहत राशन मिलने में सहूलियत दिलाना है. फिलहाल इसे हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में लॉन्च किया गया लेकिन जल्द ही यह 14 भारतीय भाषाओं में आपके मोबाइल पर होगा. मोबाइल ऐप ‘मेरा राशन’ राशन कार्ड धारकों, विशेष रूप से दूसरे राज्य के राशन कार्डधारकों अपने प्रवास क्षेत्र में नजदीक की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान की पहचान करने, अपनी अर्हता या कोटे के ब्यौरे की जांच करने और हाल के लेनदेन की जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा.
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित एंड्रॉइड-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन वर्तमान में हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है. धीरे-धीरे, इसे 14 अन्य भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत, सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से 81 करोड़ से अधिक लोगों को 1-3 रुपये प्रति किलोग्राम पर सस्ते अनाज की आपूर्ति करती है.
सरकार 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा ‘वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) की भी पेशकश कर रही है. इस पेशकश के बाद, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि नए मोबाइल ऐप का उद्देश्य एनएफएसए के लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों, उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) या राशन दुकान के डीलरों और अन्य अंशधारकों के बीच ओएनओआरसी से संबंधित सेवाओं को सुविधाजनक बनाना है.
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उन्होंने कहा कि हमारी योजना 14 भाषाओं में इस मोबाइल ऐप को लाने की है. इन भाषाओं की पहचान उन स्थानों के आधार पर की जाती है, जहां अधिकांश प्रवासी लोग आते हैं. सचिव ने कहा कि प्रमुख विशेषताओं के तहत, प्रवासी लाभार्थी मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने प्रवासन विवरण दर्ज कर सकते हैं. प्रवासी लाभार्थी अपनी यात्रा शुरू करने से पहले खुद को पंजीकृत कर सकते हैं और सिस्टम स्वचालित रूप से खाद्यान्न के कोटे का आवंटन करेगा. इसके अलावा, एनएफएसए लाभार्थी निकटतम उचित मूल्य दुकान की पहचान कर सकते हैं, वे आसानी से अपने खाद्यान्न की पात्रता का विवरण जान सकते हैं, पिछले छह महीने के लेनदेन और आधार सीडिंग की स्थिति का विवरण देख सकते हैं.
पांडे ने कहा कि एक लाभार्थी को वास्तव में पता होगा कि उसे क्या मिलना है. उसे उचित मूल्य दुकान के डीलर से यह पूछने की जरूरत नहीं है कि उसे कितना मिलेगा।” लाभार्थी आधार या राशन कार्ड नंबर देकर लॉगिन कर सकते हैं. सरकार 5.4 लाख राशन दुकानों के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को प्रति माह 5 किलोग्राम सब्सिडी वाले खाद्यान्न की आपूर्ति करती है.
Posted By : Amitabh Kumar
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