RBI की सख्ती के बाद जेएम फाइनेंशियल को लगा तेज झटका, 19% से अधिक टूट गया स्टॉक का भाव

RBI: रिजर्व बैंक ने कई तरह की गड़बड़ियां पाए जाने के बाद समूह की कंपनी जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर मंगलवार को कई प्रतिबंध लगाए थे. बीएसई पर कंपनी का शेयर 19.29 प्रतिशत गिरकर 77.10 रुपये पर आ गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2024 12:34 PM

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से पाबंदियां लगाए जाने के अगले दिन जेएम फाइनेंशियल के शेयरों में बुधवार को 19 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई और उसका बाजार पूंजीकरण 1484 करोड़ रुपये तक घट गया. रिजर्व बैंक ने कई तरह की गड़बड़ियां पाए जाने के बाद समूह की कंपनी जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर मंगलवार को कई प्रतिबंध लगाए थे. बीएसई पर कंपनी का शेयर 19.29 प्रतिशत गिरकर 77.10 रुपये पर आ गया. वहीं एनएसई पर यह 18.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77.55 रुपये पर कारोबार कर रहा था. इस गिरावट के बीच कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1,484.53 करोड़ रुपये घटकर 7,643.63 करोड़ रुपये रह गया.

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Jm financial share price.

RBI ने क्यों लगायी पाबंदी

रिजर्व बैंक ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई उधार दिए गए धन का इस्तेमाल करके अपने ग्राहकों के एक समूह को विभिन्न आईपीओ के लिए बोली लगाने में बार-बार मदद करने पर की है. केंद्रीय बैंक ने इस गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी को शेयरों एवं डिबेंचर के एवज में किसी भी प्रकार का वित्तपोषण प्रदान करने से रोक दिया है, जिसमें शेयरों की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के साथ-साथ ऋणों की मंजूरी और वितरण भी शामिल है. ये प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं. आरबीआई ने कहा कि आईपीओ वित्तपोषण के साथ गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) की खरीद के लिए कंपनी द्वारा स्वीकृत ऋणों में कुछ गंभीर खामियां देखे जाने के बाद यह कदम उठाना जरूरी हो गया था.

RBI ने क्या दिया था आदेश

भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर शेयरों और डिबेंचरों के एवज में किसी भी तरह का वित्तपोषण करने से तत्काल रोक लगा दी जिसमें आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पर ऋण की मंजूरी एवं वितरण भी शामिल है. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि जेएम फाइनेंशियल सामान्य संग्रह और वसूली प्रक्रिया के जरिये अपने मौजूदा ऋण खातों से जुड़ी गतिविधियां बरकरार रख सकती है. जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को शेयरों और डिबेंचरों के एवज में किसी भी प्रकार के वित्तपोषण को तत्काल प्रभाव से रोकने और परहेज करने को कहा गया है. इस पाबंदी में शेयरों के आईपीओ के साथ-साथ डिबेंचर पर कर्ज की स्वीकृति और वितरण भी शामिल है. आरबीआई ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर कंपनी के बहीखातों की सीमित समीक्षा की थी. रिजर्व बैंक ने कहा कि जेएम फाइनेंशियल का एक विशेष ऑडिट पूरा होने और खामियां दूर करने से संबंधित कदमों पर संतुष्टि होने के बाद इन व्यावसायिक प्रतिबंधों की समीक्षा की जाएगी.

(भाषा इनपुट के साथ)

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