RBI का सख्त फैसला, अब इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द, तुरंत चेक करें कहीं आपका खाता भी यहां तो नहीं

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक ने सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसका कारण इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं होना बतायी जा रही है.

By Madhuresh Narayan | February 29, 2024 10:55 AM

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा एक और सख्त फैसला लिया गया है. शीर्ष बैंक ने राजस्थान के पाली स्थित सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसका कारण इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि राजस्थान के सहकारी समितियों के पंजीयक से भी बैंक को बंद करने और एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है. लिक्विडेशन पर हर जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी जमा राशि की पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 99.13 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं. रिजर्व बैंक ने लाइसेंस रद्द करने का कारण बताते हुए कहा कि सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं.

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बैंक ने पहले ही किया 45.22 करोड़ का भुगतान

रिजर्व बैंक ने बताया कि पिछले साल 30 नवंबर तक डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर DICGC अधिनियम, 1961 की धारा 18A के प्रावधानों के तहत कुल बीमाकृत जमा का ₹45.22 करोड़ भुगतान कर दिया. अब बैंक का लाइसेंसे रद्द होने से सुमेरपुर मर्केंटाइल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड सुमेरपुर पाली को किसी भी तरह के बैंकिंग का कारोबार करने की इजाजत नहीं होगी. इसमें जमा राशि स्वीकार करना और उसका भुगतान करना भी शामिल है.

दो दिन पहले आरबीआई ने स्टेट बैंक समेत तीन पर की थी कार्रवाई

दो दिन पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (SBI), केनरा बैंक और सिटी यूनियन बैंक पर सख्त कार्रवाई की थी. जमाकर्ता शिक्षा जागरूकता कोष योजना, 2014 से संबंधित कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए एसबीआई पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके अलावा आय पहचान, संपत्ति वर्गीकरण और कर्ज से संबंधित प्रावधान, फंसे कर्ज (एनपीए) को लेकर प्रावधान तथा अपने ग्राहक को जानों से जुड़े आरबीआई के कुछ निर्देशों का पालन न करने को लेकर सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड पर 66 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.

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