लॉकडाउन के बीच RBI ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, अटक गये लाखों खाताधारकों के पैसे
Reserve Bank Of India: भारतीय रिजर्व बैंक ने सीकेपी सहकारी बैंक (CKP Cooperative Bank Limited) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इससे सहकारी बैंक के ग्राहक काफी परेशान है. मनीकंट्रोल के मुताबिक आरबीआई के इस कदम से सीकेपी बैंक के करीब सवा लाख खाताधारकों के लिए संकट खड़ा हो गया है. इसके कारण बैंक की 485 करोड़ रुपये की एफडी भी बीच में अटक गयी है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सीकेपी सहकारी बैंक(CKP Cooperative Bank Limited) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. यह जानकारी मनी कंट्रोल के हवाले से आ रही है. हालांकि रिजर्व बैंक आफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. कोआपरेटिव बैंक की साइट पर भी मार्च 2020 तक बैंकिंग कार्य पर रोक की बात ही नजर आ रही है. अभी तक रिजर्व बैंक ने इस बैंक के सभी कार्य पर जांच होने तक प्रतिबंध लगाया हुआ था. लाइसेंस रद्द होने की खबर के बार इस सहकारी बैंक के ग्राहक काफी परेशान है. सीकेपी बैंक के करीब सवा लाख खाताधारकों के लिए संकट खड़ा हो गया है. इसके कारण बैंक की 485 करोड़ रुपये की एफडी भी बीच में अटक गयी है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैंक का घाटा बढ़ने और नेट वर्थ में बड़ी गिरावट के कारण बैंक के लेन-देन पर साल 2014 में प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बाद से लगातार घाटा कम करने का प्रयास किया जा रहा था. ब्याज दर में कटौती करके ब्याज दर 2 प्रतिशत तक लाई गई थी. वहीं कुछ निवेशकों ने अपने एफडी को शेयर में निवेश कर लिया था जिसका असर भी दिखाई देने लगा था. बैंक का घाटा कम हो रहा था. लेकिन इस बीच आरबीआई ने निवेशकों को झटका देते हुए बैंक का लाइसेंस ही रद्द कर दिया है.मनीकंट्रोल के मुताबिक सीकेपी सहकारी बैंक की नेटवर्थ में गिरावट के कारण आरबीआई ने इसका लाइसेंस कर दिया. ऑपरेशनल मुनाफा होने के बावजूद नेट वर्थ में गिरावट होने के कारण बैंक का लाइसेंस रद्द किया है.
(CKP Cooperative Bank Limited का मुख्यालय मुंबई के दादर में है. महाराष्ट्र टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक बैंक का घाटा बढ़ने और नेट वर्थ में बड़ी गिरावट आने के कारण बैंक के लेन-देन पर साल 2014 में प्रतिबंध लगाया गया था. उसके बाद से कई बार बैंक का घाटा कम करने का प्रयत्न किया गया. इसके लिए निवेशकों-जमाकर्ताओं ने भी प्रयत्न किया था. इन्होंने ब्याज दर में कटौती की थी. ब्याज दर 2 प्रतिशत तक लाई गई थी. कुछ लोगों ने अपने एफडी को शेयर में निवेश कर लिया था और कुछ हद तक उसके परिणाम भी दिखाई देने लगे थे. इसके बावजूद बैंक का घाटा कम हो रहा था जिसके कारण आरबीआई ने सीकेपी बैंक के लाइसेंस को रद्द कर दिया. इससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा है.
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