RBI: अब एक लाख तक के भुगतान के लिए नहीं लगेगा ओटीपी! रिजर्व बैंक ने ऑटो डेबिट नियम में किया बड़ा बदलाव
RBI: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की थी. इस दौरान उन्होंने ऑटो डेबिट के नियम में बदलाव के बारे में जानकारी दी.
RBI: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की. इस दौरान उन्होंने ऑटो डेबिट के नियम में बदलाव के बारे में जानकारी दी. इससे आरबीआई ने लागू कर दिया है. शीर्ष बैंक ने व्यापारियों को वस्तुओं और सेवाओं के एवज में ग्राहकों की अनुमति से उनके खाते से निश्चित अवधि पर (AUTO DEBIT) स्वत: पैसा काटने की सीमा कुछ मामलों में मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की अनुमति दी है. यह सीमा म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम जैसी कुछ श्रेणियों के लिए बढ़ायी गयी है. इस व्यवस्था में सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था (AFA) के बिना ग्राहकों के खाते से सीधे पैसा लेने की सीमा वर्तमान में 15,000 रुपये है. इससे ऊपर के भुगतान के लिये सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत पड़ती है. केंद्रीय बैंक ने इस प्रकार के लेन-देन की बढ़ती संख्या और व्यवस्था सुचारू होने को देखते हुए यह निर्णय किया है. आरबीआई के अनुसार, इस प्रकार की पंजीकृत स्वत: अनुमति फिलहाल 8.5 करोड़ है. इसके तहत हर महीने 2,800 करोड़ रुपये के लेन-देन हो रहे हैं. विभिन्न तबकों ने म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम का भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान जैसी श्रेणियों में सीमा बढ़ाने की जरूरत बताई है. इसको देखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है.
बैंक और NBFC कर रहे फिनटेक से साझेदारी
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड बिलों के भुगतान के लिए एक लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए एएफए की आवश्यकता से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य मौजूदा आवश्यकताएं जैसे लेनदेन से पहले और बाद की सूचनाएं, उपयोगकर्ता के लिए उससे बाहर निकलने की सुविधा आदि इन लेनदेन पर लागू होंगी. इस बारे में संशोधित परिपत्र शीघ्र ही जारी किया जाएगा. एक अन्य निर्णय में आरबीआई ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) परिवेश में विकास की बेहतर समझ और क्षेत्र का समर्थन करने के लिए ‘फिनटेक रिपॉजिटरी’ स्थापित करने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसे अप्रैल, 2024 या उससे पहले रिजर्व बैंक इनोवेशन हब चालू करेगा. फिनटेक को इस ‘रिपॉजिटरी’ के जरिये स्वेच्छा से प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. भारत में बैंक और एनबीएफसी जैसी वित्तीय संस्थाएं तेजी से फिनटेक के साथ साझेदारी कर रही हैं. शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक भारत में वित्तीय क्षेत्र के लिए ‘क्लाउड’ सुविधा स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है.
यूपीआई पेमेंट का दायरा बढ़ा
गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि बैंक और वित्तीय संस्थाओं में डेटा की लगातार मांग बनी हुई है और उसमें वृद्धि भी हो रही है. इसको देखते हुए उनमें से कई इस उद्देश्य के लिए क्लाउड सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं. रिजर्व बैंक इस उद्देश्य के लिए भारत में वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा स्थापित करने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी सुविधा से आंकड़ों की सुरक्षा और निजता बढ़ेगी. बता दें कि इसके साथ ही, आरबीआई ने लोगों को राहत देते हुए अस्पतालों में इलाज और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए लोकप्रिय भुगतान मंच यूपीआई के जरिये भुगतान की सीमा एक बार में एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है. इस पहल का मकसद चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में भुगतान को लेकर यूपीआई का इस्तेमाल बढ़ाना है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए शुक्रवार को कहा कि अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यूपीआई के जरिये भुगतान की सीमा को मौजूदा के एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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