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RBI ने 31 मई तक बढ़ायी फसल ऋण पर ब्याज सहायता योजना की समयसीमा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)ने कोरोना वायरस की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देजनर किसानों के लिए दो फीसदी की ब्याज सहायता योजना और कर्ज के समय पर भुगतान के लिए तीन फीसदी ब्याज प्रोत्साहन को 31 मई, 2020 तक बढ़ा दिया है.

By KumarVishwat Sen | April 21, 2020 10:34 PM

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)ने कोरोना वायरस की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देजनर किसानों के लिए दो फीसदी की ब्याज सहायता योजना और कर्ज के समय पर भुगतान के लिए तीन फीसदी ब्याज प्रोत्साहन को 31 मई, 2020 तक बढ़ा दिया है. रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर बैंकों को किसानों को फसल ऋण पर ब्याज सहायता योजना (IS) और त्वरित भुगतान प्रोत्साहन (PRI) अवधि को बढ़ाने का निर्देश दिया है.

अधिसूचना में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से लोगों की आवाजाही पर अंकुश है. इस वजह से किसान अपने लघु अवधि के फसल ऋण के बकाये का भुगतान करने के लिए बैंक शाखाओं तक नहीं जा पा रहे हैं. केंद्रीय बैंक के 27 मार्च, 2020 के सर्कुलर के अनुसार, एक मार्च, 2020 से 31 मई, 2020 तक तीन महीने के लिए लघु अवधि के फसल ऋण सहित सभी ऋणों की किस्त के भुगतान पर तीन महीने की रोक रहेगी.

इसमें कहा गया है कि इसी के अनुरूप किसानों को ब्याज भुगतान में जुर्माने से बचाने और उन्हें ब्याज सहायता योजना का लाभ जारी रखने के लिए सरकार ने दो फीसदी ब्याज सहायता और ऋण के समय पर भुगतान के लिए ब्याज में मिलने वाली तीन फीसदी प्रोत्साहन को 31 मई, 2020 तक जारी रखने का फैसला किया है. यह सुविधा किसानों को तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के फसल ऋण पर मिलती है.

कोरोना वायरस पर अंकुश के लिए देश 21 दिन का लॉकडाउन 25 मार्च को लागू किया गया था. बाद में इसे 19 दिन और बढ़ाकर तीन मई कर दिया गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस कदम से किसानों को लाभ होगा. इससे उन्हें मई अंत तक ब्याज सहायता योजना और ब्याज प्रोत्साहन का लाभ मिल सकेगा.

किसानों को तीन लाख रुपये का लघु अवधि का फसल ऋण सात फीसदी वार्षिक ब्याज पर दिया जाता है. इसमें से दो फीसदी सरकार वार्षिक आधार पर बैंकों को ब्याज सहायता के रूप में देती है. वहीं, समय पर ऋण का भुगतान करने वाले किसानों को ब्याज में अतिरिक्त तीन फीसदी प्रोत्साहन स्वरूप छूट दी जाती है. ऐसे किसानों के लिए प्रभावी ब्याज दर चार फीसदी बैठती है.

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