गोल्ड लोन पर 20,000 से अधिक नहीं मिलेगा कैश, आरबीआई ने दिया निर्देश

Gold Loan: आईटी एक्ट की धारा 269 एसएस के अनुसार, कोई व्यक्ति पेमेंट के लिए बताए गए तरीकों के अलावा किसी दूसरे ओर से की गई डिपॉजिट या लोन स्वीकार नहीं कर सकता है. इस धारा में कैश की मंजूर की गई लिमिट 20,000 रुपये है.

By KumarVishwat Sen | May 10, 2024 10:49 AM

Gold Loan: गोल्ड लोन लेने वालों के लिए एक बहुत बड़ी खबर है और वह यह कि अब गोल्ड लोन पर 20,000 रुपये से अधिक कैश नहीं मिलेगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गोल्ड लोने देने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से कहा है कि इनकम टैक्स कानून के अनुसार गोल्ड लोन पर 20,000 रुपये से अधिक कैश का पेमेंट न करें. आरबीआई ने इस हफ्ते की शुरुआत में गोल्ड लोन मुहैया कराने वाले फाइनेंसरों और माइक्रो फाइनांस को दी गई सलाह में इनकम टैक्स कानून की धारा 269 एसएस का पालन करने का निर्देश दिया है.

इनकम टैक्स एक्ट में क्या है प्रावधान

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269एसएस में प्रावधान है कि कोई व्यक्ति पेमेंट के लिए बताए गए तरीकों के अलावा किसी दूसरे व्यक्ति की ओर से की गई डिपॉजिट या लोन स्वीकार नहीं कर सकता है. इस धारा में कैश की मंजूर की गई लिमिट 20,000 रुपये है. आरबीआई की ओर से दी गई सलाह से कुछ सप्ताह पहले केंद्रीय बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस के निरीक्षण के दौरान कुछ चिंताएं नजर आने के बाद उसे गोल्ड लोन मंजूर करने या डिस्ट्रीब्यूट करने से रोक दिया था.

डाइरेक्ट ट्रांजेक्शन को तरजीह देते हैं : मणप्पुरम फाइनेंस

आरबीआई की इस सलाह पर टिप्पणी करते हुए मणप्पुरम फाइनेंस के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वीपी नंदकुमार ने कहा कि इसमें कैश लोन देने के लिए 20,000 रुपये की लिमिट दोहराई गई है. उन्होंने कहा कि मणप्पुरम फाइनेंस के आधे लोन ऑनलाइन माध्यम से बांटे जाते हैं और शाखाओं से मिलने वाले लोन के लिए भी ज्यादातर ग्राहक डाइरेक्ट ट्रांजेक्शन को तरजीह देते हैं.

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आरबीआई के निर्देश से ग्रामीणों को होगी दिक्कत: इंडेल मनी

वहीं, इंडेल मनी के सीईओ उमेश मोहनन ने कहा कि इस निर्देश से पारदर्शिता और बेहतर अनुपालन लाने में मदद मिलेगी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों के औपचारिक बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा न होने से प्रभाव पड़ सकता है. मोहनन ने कहा कि यह निर्देश अनजाने में हाशिए पर मौजूद तबकों को इमरजेंसी में भी गोल्ड लोन तक पहुंच से बाधित कर सकता है, जिससे वित्तीय पहुंच सीमित हो सकती है.

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