EMI में राहत से लेकर महंगाई तक, जानें- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की बड़ी बातें

Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das देश में छाए कोरोना संकट और लॉकडाउन 4.0 के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेपो रेट में कटौती का एलान किया. कोरोना के लॉकडाउन के बाद से यह तीसरी बार है जब आरबीआई ने राहत का ऐलान किया. पढ़ें उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें...

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2020 2:05 PM

मुख्य बातें

Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das देश में छाए कोरोना संकट और लॉकडाउन 4.0 के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेपो रेट में कटौती का एलान किया. कोरोना के लॉकडाउन के बाद से यह तीसरी बार है जब आरबीआई ने राहत का ऐलान किया. पढ़ें उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें…

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लाइव अपडेट

CBDT ने किया 26,242 करोड़ रुपये का रिफंड

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि आयकर विभाग ने एक अप्रैल 2020 से लेकर 21 मई 2020 तक 16 लाख 84 हजार 298 करदाताओं को कुल मिलाकर 26,242 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है.

खाद्य महंगाई काबू में रहेगी

देश के लिए कृषि के क्षेत्र में अच्छी खबर है. आरबीआई गवर्नर ने बताया कि खाद्यान्न उत्पादन में 3.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. मॉनसून के भी इस बार सामान्य रहने का अनुमान है. 10 मई तक खरीफ की बुआई पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी अधिक रही है. इससे देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी और खाद्य महंगाई भी काबू में रहेगी.

भारत के शीर्ष छह औद्योगिक राज्य रेड जोन में

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है और मुद्रास्फीति के अनुमान बेहद अनिश्चित हैं. उन्होंने कहा, दो महीनों के लॉकडाउन से घरेलू आर्थिक गतिविधि बुरी तरह प्रभावित हुई है. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि शीर्ष छह औद्योगिक राज्य, जिनका भारत के औद्योगिक उत्पादन में 60 प्रतिशत योगदान है, वे मोटे तौर पर लाल या नारंगी क्षेत्र में हैं. दास ने कहा कि मांग में कमी और आपूर्ति में व्यवधान के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी. उन्होंने कहा कि 2020-21 की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में कुछ सुधार की उम्मीद है. उन्होंने कहा, 2020-21 में जीडीपी वृद्धि के नकारात्मक रहने का अनुमान है, हालांकि 2020-21 की दूसरी छमाही में कुछ तेजी आएगी.

अप्रैल में दी थीं कई राहतें

इससे पहले 17 अप्रैल को आरबीआई ने कोरोना संकट और लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए कई तरह की राहत का ऐलान किया था. रिवर्स रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की गई थी जिससे यह 4 फीसदी से घटकर 3.75 फीसदी हो गया था.

रेपो रेट का आप पर असर

जब बैंक को रिजर्व बैंक से कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा तो उनके फंड जुटाने की लागत कम होगी. इस कारण से वे अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं. इसका मतलब यह है कि रेपो रेट कम होने पर आपके लिए होम, कार या पर्सनल लोन पर ब्याज की दरें कम हो सकती हैं.

वैश्विक व्यापार घटेगा

आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा, 'दालों की कीमत में उछाल चिंता का विषय है. कृषि उत्पादन से सबको लाभ मिलेगा. WTO के मुताबिक, वैश्विक व्यापार 13 से 32 फीसदी तक घट सकता है. जीडीप ग्रोथ नेगेटिव रहने का अनुमान है. मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है.

बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट

आरबीआई गवर्नर ने कहा, '2020-21 में जीडीपी ग्रोथ नकारात्मक क्षेत्र में रहने की उम्मीद है. छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत कटौती के पक्ष में 5:1 से मतदान किया. भारत में मांग घट रही है, बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट, निजी खपत में गिरावट दर्ज की जा रही है. कोविड19 के प्रकोप के कारण निजी उपभोग को सबसे ज्यादा झटका लगा है. निवेश की मांग रुकी है. कोरोना के प्रकोप के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के कारण सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है.'

अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि कोरोना वायरस के वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है. एमपीसी ने रेपो रेट में कटौती करने का फैसला किया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट में भी कटौती की गई है. 4.4 फीसदी से कटकर अब 4 फीसदी कर दिया गया है.

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती की

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. रेपो रेट अब 4.4 से घटक अब 4.0 फीसद हुआ. वहीं आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. केंद्रीय बैंक ने बैंक ब्याज दरों में 0.4 फीसद की कटौती की है. आरबीआई ने कहा कि 6 बड़े प्रदेशों में औद्योगिक उत्पादन गिरा है. कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है. मार्च में सीमेंट का उत्पादन गिरा है.

एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट

बता दें कि हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शोध रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि देशव्यापी लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कर्ज अदायगी पर जारी ऋण स्थगन को और तीन महीनों के लिए बढ़ा सकता है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए देश में 31 मई तक लॉकडाउन लागू है. कोविड-19 से जंग के लिए देश में 24 मार्च को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था.

20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज नाकाफी

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिए गए 20.9 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को नाकाफी बताया था. राजन ने कहा था कि प्रवासी मजदूरों को पैकेज के तहत मुफ्त खाद्यान्न दिया गया है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वे (मजदूर) बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें दूध, सब्जी, खाद्य तेल खरीदने और किराया चुकाने के लिए पैसे की जरूरत है.

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