‘कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से अधिक की भरपाई, लेकिन त्योहारी सीजन के बाद मांग पर नजर बनाए रखने की जरूरत’
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के शुरुआती प्रकोप से प्रभावित होने के बाद देश की अर्थव्यवस्था में उम्मीद से अधिक जोरदार तरीके भरपाई हुई है, लेकिन त्योहारी सीजन के बाद मांग में स्थिरता पर नजर बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने भारतीय विदेशी मुद्रा विनियम कारोबारी संघ (एफईडीएआई) के वार्षिक समारोह में कहा कि भारत समेत पूरी दुनिया में भी वृद्धि घटने का जोखिम बना हुआ है.
मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के शुरुआती प्रकोप से प्रभावित होने के बाद देश की अर्थव्यवस्था में उम्मीद से अधिक जोरदार तरीके भरपाई हुई है, लेकिन त्योहारी सीजन के बाद मांग में स्थिरता पर नजर बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने भारतीय विदेशी मुद्रा विनियम कारोबारी संघ (एफईडीएआई) के वार्षिक समारोह में कहा कि भारत समेत पूरी दुनिया में भी वृद्धि घटने का जोखिम बना हुआ है.
गवर्नर दास ने कहा कि हमें त्योहारी सीजन के बाद मांग की स्थिरता और कोरोना वैक्सीन को लेकर बाजार की उम्मीदों पर नजर बनाए रखने की जरूरत है. दास ने कहा कि आरबीआई वित्तीय बाजारों के कामकाज को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी नकारात्मक जोखिम को कम करने के लिए काम किया जाएगा. पूंजी खाता परिवर्तनीयता के बारे में उन्होंने कहा कि इसे एक घटना के बजाए एक प्रक्रिया के रूप में देखने का नजरिया जारी रहेगा.
The Indian economy has exhibited stronger than expected pickup in momentum of recovery….We need to be watchful about the sustainability of demand after the festivals & a possible re-assessment of market expectations surrounding the #COVID19 vaccine: RBI Governor Shaktikanta Das https://t.co/LbbJKnqCNW pic.twitter.com/TYtzuG5VI5
— ANI (@ANI) November 26, 2020
बता दें कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की कमी हुई है. आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था 9.5 फीसदी तक सिकुड़ जाएगी. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान लागू प्रतिबंधों को हटाने के बाद भरपाई हुई है, खासकर त्योहारी सीजन के दौरान.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की तेज गिरावट और दूसरी तिमाही में गतिविधियों के काफी तेजी से सामान्य होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बेहतर गति से भरपाई हुई. उन्होंने कहा कि वृद्धि के परिदृश्य भी बेहतर हुए हैं, लेकिन हाल में यूरोप में और भारत के कुछ हिस्सों में संक्रमण के मामले बढ़ने के चलते वृद्धि में गिरावट के जोखिम भी बने हुए हैं.
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