नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने डिटिजल पेमेंट की आधारभूत संरचना में सुधार और बदलाव की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. आरबीआई ने अपने नए आदेश में कहा है कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम करने वाली कंपनियों को कहा है कि वे स्व-अधिकार वाली क्यूआर कोड जारी नहीं कर सकती,
भारतीय रिजर्व बैंक ने फैसले के पीछ तर्क समझाते हुए कहा कि स्मार्टफोन अब पूरे देश में हर जगह मौजूद है. ई-पेमेंट्स का आधार क्यूआर कोड बनता जा रहा है.
दीपक फाटक की कमेटी ने लिया फैसला
आरबीआई की जिस कमेटी ने ये फैसला किया उसके चेयरमैन दीपक फाटक थे. कमेटी की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि फिलहाल यूपीआई क्यूआर और भारत क्यूआर चलन में रहेंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि जो भी कंपनी नया क्यूआर कोड लांच करना चाहती हैं उन्हें इनमें से एक या दो पेमेंट सिस्टम के परिचालन योग्य बनना होगा. इसके लिए कंपनियों को 31 मार्च 2022 तक की मोहलत दी जाएगी.
31 मार्च 2022 तक का मिला अल्टीमेटम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि सभी पेमेंट ऑपरेटर्स को 31 मार्च 2022 तक इंटरऑपरेबल क्विक रिस्पॉन्स कोड अपनाना होगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने फैसले में सुझाया कि कागज आधारित क्यूआर कोड काफी सस्ता होता है. इसका लागत भी काफी प्रभावी होता है. इसमें अतिरिक्त रखरखाव की आवश्यक्ता नहीं पड़ती.
रिजर्व बैंक ने ये भी कहा कि पेमेंट सिस्टम को इंटर-ऑपरेबल पेमेंट्स के मुफीद बनाने के लिए लोगों में जागरूकता लानी होगी. इंटर-ऑपरेबल सिस्टम में आम लोगों को आसानी होगी. ये पेमेंट सिस्टम पहले की तुलना में काफी बेहतर साबित होगा.
रिजर्व बैंक के फैसले में दिक्कत क्या है
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस फैसले के बाद कंपनियों ने भी अपना तर्क दिया है. कहा जा रहा है कि आरबीआई के इस फैसले के बाद ट्रांसिट सिस्टम में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. ट्रांसिट सिस्टम का अपना क्लोज्ड लूप पेमेंट कार्ड सिस्टम होता है. उसे अब कार्ड से क्यूआर कार्ड पेमेंट सिस्टम में शिफ्ट करना होगा. आरबीआई ने और ज्यादा इंटर-ऑपरेबल क्यूआर कोड लांच किए जाने की संभावना पर विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई है.
भारत में तीन क्यूआर कोड चलन में हैं
आपको बता दें कि भारत में तीन क्यूआर कोड चलन में हैं. भारत क्यूआर, यूपीआई क्यूआर और स्व-अधिकार क्यूआर. इनका एक दूसरे के साथ परिचालन किया जा सकता है. मौजूदा समय में भारत क्यूआर और यूपीआई क्यूआर इंटर ऑपरेबल चलन में हैं. इसका मतलब ये हुआ कि कोई भी एप इनके क्यूआर स्टीकर को पढ़ सकती है.
Posted By- Suraj Thakur
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