नई दिल्ली : डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिए पैसों की निकासी और भुगतान करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बिना ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के ही स्वत: लेनदेन (ऑटो डेबिट) की सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है. आरबीआई ने ऑटो डेबिट की सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया है. केंद्रीय बैंक के इस कदम से अब ग्राहकों को बिना ओटीपी के मोटी रकम की निकासी, जमा या भुगतान करने में आसानी होगी. इसके जरिए लोग एजुकेशन फीस और बीमा प्रीमियम के लिए उच्च मूल्य का आसानी से लेनदेन कर सकेंगे.
बता दें कि आरबीआई ने ई-मैंडेट के जरिए 1 अक्टूबर 2021 को ही आवर्ती लेनदेन को लागू कर दिया था. आरबीआई के अनुसार, देश के बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों से ओटीपी या ई-मेल के जरिए अतिरिक्त ऑथेंटिकेशन के बिना ऑटो डेबिट के तहत लेनदेन की प्रक्रिया की सुविधा प्रदान करना आवश्यक है. आज से पहले आरबीआई ने ऑटो डेबिट की सीमा 5,000 रुपये तय की थी, लेकिन अब डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए बिना ओटीपी के 15,000 रुपये तक पैसों का लेनदेन, निकासी या जमा किया जा सकता है.
आरबीआई ने बुधवार को क्रेडिट कार्ड को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से जोड़ने की अनुमति दी. इस सुविधा से और लोग इस ऐप के जरिये भुगतान कर सकेंगे. फिलहाल, यूपीआई यूजर्स के डेबिट कार्ड के जरिये बचत या चालू खातों को जोड़कर भुगतान को आसान बनाता है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने का प्रस्ताव है.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इसकी शुरुआत आरबीआई प्रवर्तित भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा जारी रूपे क्रेडिट कार्ड से होगी. प्रणाली के विकास के साथ सुविधा उपलब्ध होगी. दास ने कहा कि नई व्यवस्था से ग्राहकों को यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करने के लिए अधिक विकल्प और सुविधा मिलने की उम्मीद है. यूपीआई देश में भुगतान का लोकप्रिय माध्यम बन गया है. इस मंच से करीब 26 करोड़ यूजर्स और पांच करोड़ कारोबारी जुड़े हैं.
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मई महीने में यूपीआई के जरिये 10.40 लाख करोड़ रुपये के 594.63 करोड़ लेनदेन हुए. उन्होंने कहा कि प्रीपेड भुगतान उत्पादों (पीपीआई) के उपयोग को व्यापक बनाने की सुविधा से भुगतान को लेकर पीपीआई की यूपीआई भुगतान प्रणाली तक पहुंच सुगम हुई है.
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