मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने निजी क्षेत्र के दिग्गज बैंकों में शुमार आईसीआईसीआई पर करीब तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. केंद्रीय बैंक की ओर से यह जुर्माना 1 जुलाई, 2015 को जारी मास्टर सर्कुलेशन प्रूडेंशियल नॉर्म फॉर क्लासिफिकेशन वैल्यूएशन एंड ऑपरेशन ऑफ इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बाय बैक्स के जरूरी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के कारण लगाया गया है. केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा गया है कि उसकी ओर से यह कार्रवाई विनियामक अनुपालनों में गड़बड़ियों की वजह से की गई है.
रिजर्व बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, बैंक को सिक्योरिटीज को एक कैटेगरी से दूसरे कैटेगरी में शिफ्ट करने के मामले में रिजर्व बैंक के निर्देशों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है. इस बीच, आईसीआईसीआई बैंक ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया कि मई 2017 में कुछ निवेशों को एचटीएम श्रेणी से एएफएस श्रेणी में डालने पर बैंकिंग नियमन अधिनियम,1949 के प्रावधानों के तहत उस पर जुर्माना लगाया गया है. रिजर्व बैंक ने कहा कि स्पष्ट मंजूरी के बिना मई 2017 में दूसरी बार प्रतिभूतियों को दूसरी जगह पर डालना उसके निर्देशों का उल्लंघन है.
रिजर्व बैंक की ओर से इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. नोटिस पर बैंक के जवाब और सुनवाई में दिए गए मौखिक जवाब के बाद रिजर्व बैंक ने यह फैसला किया है कि बैंक पर नॉन-कप्लायंस आरोप सही है और उस पर जुर्माना लगाना चाहिए. मंगलवार को निफ्टी में आईसीआईसीआई बैंक के शेयर 3.75 अंक (0.62%) गिरकर 596.75 रुपए पर बंद हुए.
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि बैंक में जमा किए गए ग्राहकों के पैसों पर कोई असर नहीं होने वाला. RBI के मुताबिक, बैंकों के खिलाफ लिया गया इस तरह का एक्शन नियामकीय अनुपालनों में कमियों पर आधारित है. इसका मकसद बैंकों और ग्राहकों के बीच किसी तरह के ट्रांजेक्शन या करार की वैधता पर फैसला देने का नहीं है. रिजर्व बैंक ने आईसीआईसीआई पर लगाया 3 करोड़ रुपये का जुर्माना तथा News in Hindi से जुड़ी हर अपडेट के लिए बने रहे हमारे साथ।
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Posted by : Vishwat Sen
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